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India Population: UN का दावा- इस साल आबादी के मामले में चीन को पछाड़ सकता है भारत

यूएन की रिपोर्ट पर विश्वास करें तो हमारा देश इस साल आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ सकता है। बढ़ती आबादी हमारे देश के लिए पिछले कई दशकों से चिंतनीय विषय रहा है। सीमित संसाधनों वाले देश में आबादी का बढ़ना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkPublished: Wed, 19 Apr 2023 01:07 PM (IST)Updated: Wed, 19 Apr 2023 02:05 PM (IST)
भारत इस साल सबसे अधिक पॉपुलेशन वाला देश बन जाएगा, UN ने इसे लेकर ताजे आंकड़े जारी किए हैं।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। संयुक्त राष्ट्र महासंघ (United Nations Population Report) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि जल्द ही जनसंख्या के मामले में भारत, चीन को पछाड़ देगा।

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यूएन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि भारत की आबादी जल्द ही 142.86 करोड़ का आंकड़ा छू सकती है। वहीं चीन की आबादी 142.57 करोड़ होने की संभावना जताई गई है।

गौरतलब है कि भारत में साल 2011 के बाद से जनगणना हुई ही नहीं है। 2020-21 में कोरोना महामारी के चलते जनसंख्या की गिनती नहीं कराई जा सकी है।

जनसंख्या का यह अनुमान बीते वर्षों की आबादी और उसकी ग्रोथ के आधार पर बनाया लगाया गया है। यूएन के कुछ पॉपुलेशन एक्सपर्ट्स ने ये भी बताया कि भारत और चीन से नए आंकडे़ नहीं मिले हैं। कोरोना महामारी की वजह से जनगणना न होने के चलते ये माना जा रहा है कि भारत और चीन 8.045 बिलियन की अनुमानित आबादी के लिए जिम्मेदार हैं। यह आबादी दुनिया की जनसंख्या का एक-तिहाई है।

चीन की आबादी में गिरावट से क्या दुनिया पर पड़ेगा गहरा असर?

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट आई है। इससे इसकी अर्थव्यवस्था और दुनिया पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक जनसंख्या बढ़ोतरी 2011 के बाद से औसतन 1.2% रही है, जबकि पिछले 10 सालों में ये 1.7% थी। वहीं यूएनएफपीए इंडिया के प्रतिनिधि एंड्रिया वोजनार ने एक बयान में कहा, "भारतीय सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि जनसंख्या की चिंता आम जनता के बड़े हिस्से में फैल गई है।

आबादी बढ़ाने के लिए चीन की लगातार कोशिश

अपनी ऐतिहासिक गिरावट के बाद आबादी बढ़ाने के लिए चीन की सरकार लगातार कोशिश कर रही है। पिछले छह दशकों में यहां जन्मदर में कमी देखी गई है तो वहीं बुजुर्गों की आबादी ज्यादा हुई है। इसे लेकर चीन में कई योजनाओं की शुरुआत भी की गई। देश की आबादी बढ़ाने के लिए चीन लगातार नई-नई तरह की कोशिशें कर रहा है। चीन में पिछले कुछ दशकों में जन्मदर घट गई है।

यहां बूढ़े लोगों की आबादी अधिक हो गई है, जबकि युवा और काम करने वाले लोग कम हो गए हैं। इससे परेशान चीन ने पिछले कुछ सालों में आबादी बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाओं को शुरू किया। इनमें शादी के बाद 30 दिन की पेड लीव, लिव-इन में रहते हुए भी बच्चे करने की परमिशन, सामूहिक विवाह जैसी कई स्कीम शामिल हैं।


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