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Amravati Killing: यूसुफ खान को लेकर सनसनीखेज जानकारी आई सामने, पहले कोल्हे के खिलाफ भड़काया, फिर अंत्येष्टि में भी हुआ शामिल

Umesh Kolhe murder case छानबीन में पाय गया है कि उमेश कोल्हे और हत्यारोपित यूसुफ खान एक ही वाट्सएप ग्रुप के सदस्य थे। यूसुफ खान ने इस ग्रुप से उमेश कोल्हे के मैसेज को फैलाकर कट्टरपंथियों को भड़काया था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 10:59 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 07:23 AM (IST)
Amravati Killing: यूसुफ खान को लेकर सनसनीखेज जानकारी आई सामने, पहले कोल्हे के खिलाफ भड़काया, फिर अंत्येष्टि में भी हुआ शामिल
Amravati Killing accused Yusuf Khan: आरोपी यूसुफ खान की बड़ी साजिश सामने आई है।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। अमरावती में दवा व्यवसायी हत्या मामले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस का कहना है कि उमेश कोल्हे और हत्यारोपित यूसुफ खान एक-दूसरे से परिचित थे। वेटेरनरी दवाओं का व्यवसाय करने वाले कोल्हे ने वेटेरनरी डाक्टरों का एक वाट्सएप ग्रुप बना रखा था। वेटेरनरी डाक्टर यूसुफ खान भी इस ग्रुप का एक सदस्य था। उमेश कोल्हे ने इसी वाट्सएप ग्रुप में निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में मैसेज डाला था।

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इसी मैसेज को यूसुफ खान ने कुछ और लोगों को भेजकर उमेश कोल्हे के विरुद्ध उन्हें भड़काया। इसके फलस्वरूप इरफान खान ने भाड़े के हत्यारों से कोल्हे की हत्या करवा दी। यूसुफ खान ने एक ओर तो कोल्हे के विरुद्ध इरफान जैसे कट्टरपंथी को हत्या के लिए उकसाया। दूसरी ओर वह कोल्हे की अंत्येष्टि में भी शामिल हुआ था। उसको शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

कोल्हे की हत्या के मास्टरमाइंड इरफान खान को सात जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इरफान ने ही उमेश कोल्हे की हत्या के लिए पैसे और वाहन का इंतजाम किया था। एक दिन पहले नागपुर से गिरफ्तार किए गए 32 वर्षीय इरफान खान को रविवार को अदालत में पेश किया गया।

इरफान खान अमरावती में 'रहबर' नामक एक सामाजिक संस्था चलाता है। पुलिस इस संस्था के बैंक खातों की भी जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इरफान उमेश कोल्हे हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए सात लोगों में से चार को जानता है।

21 जून को अमरावती में हुई उमेश कोल्हे की हत्या के बाद उदयपुर में कन्हैयालाल की भी इसी प्रकार हत्या की गई थी। गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर इन दोनों मामलों की जांच एनआइए कर रही है। एनआइए की पांच सदस्यीय टीम अमरावती में घटनास्थल का दौरा भी कर चुकी है। अमरावती की पुलिस आयुक्त डा. आरती सिंह के अनुसार, अभी उन्हें मामले की जांच एनआइए को सौंपने का औपचारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। संभवत: सोमवार को यह आदेश प्राप्त होने के बाद अमरावती पुलिस इसे एनआइए को सौंप देगी। 


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