Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उल्फा पर और पांच वर्षों के लिए बढ़ा प्रतिबंध, ये है पिछले 35 सालों से जारी बैन के पीछे की असली वजह

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Tue, 27 May 2025 09:09 PM (IST)

    पिछले 35 सालों से प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा पर केंद्र सरकार ने पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया है। सरकार ने एक न्यायिक ट्रिब्यूनल को बताया कि उल्फा में अभी भी म्यांमार में 200-250 कैडर हैं और उनके पास 200 से अधिक हथियार होने की आशंका है। गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस माइकल जोथांखुमा की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल ने उल्फा को गैरकानूनी संघ घोषित करने की पुष्टि की।

    Hero Image
    सरकार ने एक न्यायिक ट्रिब्यूनल को दी है जिसने इस प्रतिबंध को आगे बढ़ाया है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। पिछले 35 सालों से प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन संयुक्त मुक्ति मोर्चा असम (उल्फा) पर और पांच वर्षों के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है। इस संगठन में अभी भी म्यांमार में करीब 200-250 कैडर हैं। इस समय उसके पास 200 से अधिक हथियार होने की आशंका है। यह जानकारी सरकार ने एक न्यायिक ट्रिब्यूनल को दी है जिसने इस प्रतिबंध को आगे बढ़ाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उल्फा की गतिविधियों के बारे में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद गुवाहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस माइकल जोथांखुमा की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल ने 21 मई को पुष्टि की कि उल्फा और इसके सभी गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को ''गैरकानूनी संघ'' घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं, जो 27 नवंबर, 2024 से प्रभावी माना जाएगा।

    गैरकानूनी संघ घोषित करने के लिए ट्रिब्यूनल हुआ था गठित

    यह ट्रिब्यूनल यह निर्धारित करने के लिए गठित किया गया था कि उल्फा और इसके सभी गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी संघ घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण है या नहीं। परेश बरुआ के नेतृत्व वाली उल्फा ''संप्रभु'' असम की मांग के साथ ही इसे सशस्त्र संघर्ष से हासिल करना चाहती है''।

    उल्फा को पहली बार 1990 में प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था और तब से प्रतिबंध को समय-समय पर बढ़ाया गया है।गृह मंत्रालय के अनुसार,वर्तमान में उल्फा के अधिकांश कैडर या नेता म्यांमार में हैं और वहां चार प्रमुख शिविर चलाते हैं। उल्फा अन्य भारतीय विद्रोही समूहों के साथ संचालन और लाजिस्टिक उद्देश्यों के लिए भी संबंध बनाए रखता है।

    63 कैडर ने अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया

    सरकारी वकीलों ने ट्रिब्यूनल को बताया कि उल्फा सुरक्षा बलों पर हमले व विस्फोटों जैसे हिंसक कृत्यों में शामिल है। पिछले पांच वर्षों में उल्फा के 56 कैडर और 177 फ्रंटमेन, ओवर ग्राउंड वर्कर्स, समर्थक या सहानुभूति रखने वाले गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 63 कैडर ने अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।

    यह भी पढ़ें: PSU कर्मचारियों को झटका: अब इनको नहीं मिलेगा पेंशन का लाभ, जानिए क्या है नया नियम

    comedy show banner
    comedy show banner