टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम विकसित करने के लिए UIDAI ने की IIT मुंबई के साथ साझेदारी, एक साथ करेंगे काम
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई (आईटीआईटी मुंबई) ने सोमवार को एक ऐसा टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम व ...और पढ़ें

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम विकसित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे (आईआईटी-मुंबई) के साथ हाथ मिलाया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यूआईडीएआई और आईआईटी मुंबई टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम पर एक साथ काम करेंगे। बताया गया कि यूआईडीएआई और आईआईटी मुंबई उंगलियों के निशान के लिए एक मोबाइल कैप्चर सिस्टम के साथ एकीकृत लाइवनेस मॉडल बनाने के लिए संयुक्त शोध करेंगे।
समझौते के अनुसार, यूआईडीएआई और आईआईटी मुंबई मोबाइल फिंगरप्रिंट कैप्चर सिस्टम और लाइवनेस मॉडल विकसित करने के लिए संयुक्त शोध करेंगे।
घर से फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण की देगा अनुमति
टचलेस बायोमेट्रिक कैप्चर सिस्टम, एक बार विकसित और चालू होने के बाद, चेहरे के प्रमाणीकरण की तरह घर से फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण की अनुमति देगा। उम्मीद की जाती है कि नई प्रणाली एक ही बार में कई उंगलियों के निशान ले लेगी और प्रमाणीकरण सफलता दर हालिस करने में सहायता करेगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक बार नई प्रणाली लागू हो जाने के बाद आधार पारिस्थितिकी तंत्र में उपलब्ध मौजूदा सुविधाओं में वृद्धि होगी।
यूनिवर्सल ऑथेंटिकेटर बनाने की दिशा में एक कदम
यह यूनिवर्सल ऑथेंटिकेटर बनाने की दिशा में एक कदम होगा। आईआईटी अपने राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (एनसीईटीआईएस) की मदद से यूआईडीएआई के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करेगा। इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व यूआईडीएआई के हाथ में होगा. जो लगातार आधार प्रणाली के विकास के लिए अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) के लिए काम कर रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।