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    एक झटके में बंद हो गए 1 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड, UIDAI का बड़ा फैसला; जानिए क्या है वजह

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 11:45 PM (IST)

    इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के अनुसार यूआईडीएआई ने आधार डेटाबेस को सटीक रखने के लिए मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त कर आधार नंबर निष्क्रिय करने के लिए कदम उठाए हैं। महापंजीयक ने लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड दिए जिनमें से 1.17 करोड़ आधार नंबर निष्क्रिय किए गए। माईआधार पोर्टल पर परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना सेवा शुरू की गई है।

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    करीब 1.17 करोड़ आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया गया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    आईएएनएस, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि आधार डेटाबेस की निरंतर सटीकता बनाए रखने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने विभिन्न स्त्रोतों से मृत्यु रिकॉर्ड प्राप्त करने और उचित सत्यापन के बाद आधार नंबर निष्क्रिय करने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं।

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    हाल ही में यूआईडीएआई ने भारत के महापंजीयक से आधार नंबरों से जुड़े मृत्यु रिकॉर्ड साझा करने का अनुरोध किया था। महापंजीयक ने अब तक 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के माध्यम से लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड प्रदान किए हैं। उचित सत्यापन के बाद करीब 1.17 करोड़ आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया गया है।

    माईआधार पोर्टल पर एक नई सेवा शुरू

    गौरतलब है कि यूआईडीएआई ने 9 जून, 2025 को माईआधार पोर्टल पर एक नई सेवा 'परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना' शुरू की है जो वर्तमान में 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के मृत सदस्य की मृत्यु रिपोर्ट कर सकता है। इसके लिए उसे स्वयं को प्रमाणित करना होगा और मृत व्यक्ति का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या और अन्य विवरण दर्ज करने होंगे।

    सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मृत व्यक्ति का आधार नंबर निष्क्रिय करने की कार्रवाई की जाती है। शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इस पोर्टल से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा, यूआईडीएआई बैंकों और अन्य आधार पारिस्थितिकी तंत्र संस्थाओं से भी मृत्यु संबंधी जानकारी प्राप्त करने की संभावनाओं को तलाश रहा है, ताकि मृतक के आधार नंबर को समय रहते निष्क्रिय किया जा सके।

    डेमोग्राफिक डाटा राज्यों को भेजा जा रहा है

    मंत्रालय के अनुसार, यूआईडीएआई मृतक आधार संख्या धारकों की पहचान करने में राज्य सरकारों की सहायता भी ले रहा है। एक पायलट परियोजना के तहत 100 वर्ष से अधिक आयु वाले आधार धारकों का डेमोग्राफिक डाटा राज्यों को भेजा जा रहा है ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि आधार धारक जीवित हैं या नहीं। ऐसी सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने पर ऐसे आधार नंबर को निष्क्रिय करने से पहले आवश्यक सत्यापन किया जाएगा।

    किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद उनके आधार नंबर के अनधिकृत उपयोग को रोकने के लिए यह अनुशंसा की जाती है कि आधार धारक मृत्यु पंजीकरण प्राधिकरण से मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद माईआधार पोर्टल पर अपने परिवार के उन सदस्यों की सूचना दें जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

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