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    जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द के खिलाफ UGC, IOE का दर्जा नहीं देने की शिक्षा मंत्रालय से की सिफारिश

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Sun, 13 Aug 2023 06:33 PM (IST)

    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने केंद्र द्वारा चयनित यादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को प्रतिष्ठित संस्थान (आइओई) का दर्जा नहीं देने की सिफारिश की है। शिक्षा मंत्रालय ने सशक्त विशेषज्ञ समिति (ईईसी) और यूजीसी की सिफारिशों पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। इस मामले में विश्वविद्यालयों ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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    यूजीसी ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को प्रतिष्ठित संस्थान (आइओई) का दर्जा नहीं देने की सिफारिश की है।

    नई दिल्ली, पीटीआई। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने केंद्र द्वारा चयनित यादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को प्रतिष्ठित संस्थान (आइओई) का दर्जा नहीं देने की सिफारिश की है। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा तमिलनाडु सरकार ने अन्ना विश्वविद्यालय को आईओई का दर्जा देने के अपने पहले के प्रस्ताव को वापस ले लिया है।

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    अभी तक नहीं लिया गया फैसला

    शिक्षा मंत्रालय ने सशक्त विशेषज्ञ समिति (ईईसी) और यूजीसी की सिफारिशों पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के विश्वविद्यालय (यादवपुर यूनिवर्सिटी) ने शुरू में योजना के तहत 3,299 करोड़ रुपये के बजट प्रविधान का एक प्रस्ताव पेश किया था।

    मंत्रालय ने मांगी थी वित्तीय प्रतिबद्धता

    मंत्रालय ने बंगाल सरकार से उसके द्वारा मुहैया कराई जाने वाली राशि के लिए वित्तीय प्रतिबद्धता मांगी थी क्योंकि इस योजना में प्रस्तावित बजट प्रविधान के लिए केवल 1,000 करोड़ रुपये तक की निधि मुहैया कराए जाने और धनराशि कम पड़ने की स्थिति में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निधि की निरंतरता सुनिश्चित करने का प्रविधान है।

    बंगाल सरकार ने बदला प्रस्ताव

    अधिकारी ने कहा कि बंगाल सरकार इस पर सहमत नहीं हुई और उसने प्रस्ताव में बदलाव किया। पहले इसे 1,015 करोड़ रुपये तथा फिर इसे और भी कम करके 606 करोड़ रुपये किया गया, जिसकी 25 प्रतिशत राशि विश्वविद्यालय द्वारा अपने स्तर पर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव था।

    यूजीसी ने की शिक्षा मंत्रालय से की सिफारिश

    बजट प्रविधान में उल्लेखनीय कमी के मद्देनजर यह प्रस्ताव फिर से समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास भेजा गया था और दोनों ने शिक्षा मंत्रालय से विश्वविद्यालय को आईओई का दर्जा नहीं दिए जाने की सिफारिश की। इस मामले में तीनों विश्वविद्यालयों ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।