यूजीसी ने छात्रों के लिए पढ़ाई के साथ ही सामाजिक सरोकारों को लेकर तैयार किया पाठ्यक्रम
इस योजना के तहत चयनित गांवों में उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र सरकार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देंगे और स्वास्थ्य के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पढ़ाई के साथ उच्च शिक्षण संस्थान अब छात्रों को सामाजिक सरोकार से जुड़ाव की भी सीख देंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे लेकर पूरी योजना बनाई है। जिसके तहत सभी विश्वविद्यालय और कालेजों को इससे जोड़ा जाएगा। अब तक इस अभियान में सिर्फ तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थानों को ही शामिल किया गया था। जिसे आगे बढ़ाते हुए अब सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इससे जोड़ने की पहल की गई है।
सामाजिक सरोकार के लिए पाठ्यक्रम तैयार: यूजीसी
उन्नत भारत अभियान के तहत शुरु की गई इस मुहिम में यूजीसी ने सामाजिक सरोकारों को लेकर एक पाठ्यक्रम भी तैयार किया है। जिसके तहत छात्रों को पढ़ाई के साथ कुछ घंटे इससे भी जोड़ा जाएगा।
सामाजिक सरोकार का मुख्य फोकस ग्रामीण क्षेत्र होगा
हालांकि इस पूरी योजना के पीछे जो कोशिश है, वह पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को जानने और उसका समाधान देने को लेकर है। साथ ही नए भारत के निर्माण की भी सोच है। यही वजह है कि इस अभियान का मुख्य फोकस ग्रामीण क्षेत्रों पर किया गया है।
प्रत्येक संस्थान से दो फैकेल्टी मेंबर को दिया जाएगा प्रशिक्षण
यूजीसी ने इस दौरान सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों और कालेजों के प्रधानाचार्यो को पत्र लिखकर अपने संस्थानों से दो शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेजने के भी निर्देश दिए है। इन सभी का प्रशिक्षण 15 दिसंबर के बाद शुरु होगा, जो 30 जनवरी तक चलेगा। इसके साथ ही संस्थानों से इसे लेकर सुझाव भी मांगे गए है।
छात्र देंगे ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी
बता दें कि इस योजना के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने आस-पास के पांच गांवों को गोद लेना होता है। जहां वह छात्रों की मदद से उन्हें सरकार से जुड़ी योजनाओं और डिजिटल पेमेंट आदि से जुड़ी जानकारी देते है। साथ ही उनके रहन-सहन और स्वास्थ्य के स्तर को बेहतर बनाने में मदद देते है।