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    नहीं चलेगी मनमानी! कॉलेजों को लौटानी होगी पूरी फीस, एडमिशन कैंसिल कराने वाले छात्रों को UGC से बड़ी राहत

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 10:00 PM (IST)

    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे नामांकन रद्द कराने वाले छात्रों की फीस वापस करें। लगभग दो हजार छात्रों के 20 करोड़ रुपये से अधिक फंसे हुए हैं। यूजीसी ने संस्थानों को चेतावनी दी है कि निर्देशों का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मान्यता रद्द करना भी शामिल है। 31 अक्टूबर 2025 तक प्रवेश रद्द कराने वालों को फीस वापस की जाएगी।

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    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग। (फाइल)

    अरविंद पांडे, जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि जिन छात्रों ने फीस जमा करने के बाद तय समय में नामांकन रद करवाया हो और फीस वापसी की मांग की हो, उसे पैसे वापस किए जाएं। लेकिन संस्थानों में सक्रियता नहीं है।

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    लगभग दो हजार छात्रों के 20 करोड़ से ज्यादा यानी औसतन एक लाख रुपये फंसे हुए हैं। ऐसे में आयोग ने संस्थानों की ताकीद किया है कि निर्देश न माने गए तो कार्रवाई होगी। जिसमें संस्थानों की मान्यता रद करने सहित वित्तीय मदद और दाखिला लेने पर रोक लगाने जैसी कार्रवाई की जा सकती है।

    प्रवेश रद कराने पर संस्थानों को छात्रों की फीस लौटानी होगी- UGC

    यूजीसी के दिशा- निर्देशों के तहत 31 अक्टूबर तक प्रवेश रद कराने पर संस्थानों को छात्रों की फीस लौटानी होगी। फीस वापसी को लेकर ऐसे दिशा-निर्देश वैसे तो यूजीसी की ओर से पिछले कुछ सालों से उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश शुरू होने के साथ ही जून-जुलाई महीने में दे दिया जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया।

    हालांकि इस बीच छात्रों की ओर से फीस वापस न करने को लेकर बढ़ी शिकायतों व शिक्षा मंत्रालय की दखल के बाद यूजीसी ने पिछली तारीख ( बैक डेट) में एक पत्र जारी किया है। जिसमें यूजीसी ने फीस वापसी नीति 2018 के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से छात्रों की फीस वापस करने को कहा है।

    31 अक्टूबर 2025 प्रवेश रद करने वालों की होगी फीस वापसी

    यूजीसी ने कहा है कि 31 अक्टूबर 2025 तक जिन छात्रों ने अपने प्रवेश को रद करा दिया है, उन सभी की फीस वापस की जाए। इस दौरान यदि किसी छात्र ने 30 सितंबर तक अपना प्रवेश रद करा दिया है, उसका पूरा पैसा वापस किया जाए, जबकि इसके बाद यानी 31 अक्टूबर तक जिन छात्रों ने प्रवेश रद कराने के आवेदन किया है, उनसे एक हजार की प्रोसेसिंग फीस काटकर बाकी की फीस लौटा दी जाए।

    करीब 2 हजार छात्रों के 20 करोड़ फंसे

    यूजीसी से जुड़े सूत्रों की मानें तो देश के अलग-अलग संस्थानों में करीब दो हजार छात्रों के 20 करोड़ से अधिक की राशि फंसी हुई है। जिसे संस्थान लौटाने में देरी कर रहे है या फिर आनाकानी कर रहे है।

    यूजीसी ने जारी किए गए नए दिशा- निर्देश में साफ किया है कि इस शैक्षणिक सत्र यानी 2025-26 के साथ ही पिछले सालों में उच्च शिक्षण संस्थानों ने अब तक जिन छात्रों की फीस वापस नहीं की है, उन्हें तुरंत ही लौटाएं, अन्यथा ऐसे संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यूजीसी इससे पहले यानी 2021-2024 के बीच पांच हजार से अधिक छात्रों के फंसे 30 करोड़ से अधिक रुपए वापस कराए थे।