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    Supreme Court पहुंचा उद्धव ठाकरे गुट, 'असली शिवसेना' को लेकर स्पीकर के फैसले के खिलाफ डाली याचिका

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 15 Jan 2024 04:29 PM (IST)

    Uddhav Thackeray Group in SC शिवसेना को लेकर जारी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची है। महाराष्ट्र स्पीकर के आदेश के खिलाफ शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। स्पीकर ने एकनाथ शिंदे समूह के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका भी खारिज कर दी थी जिसको अब उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है।

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    Uddhav Thackeray Group in SC शिवसेना की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट पहुंची।

    एजेंसी, नई दिल्ली। Uddhav Thackeray Group in SC असली शिवसेना को लेकर जारी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची है। महाराष्ट्र स्पीकर के आदेश के खिलाफ शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। 

    स्पीकर ने एकनाथ शिंदे समूह के विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका भी खारिज कर दी थी, जिसको अब उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है।

    स्पीकर ने ठाकरे गुट की याचिका की थी खारिज

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को विभाजन के बाद असली शिवसेना घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के आदेश को चुनौती दी गई है। स्पीकर ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था।

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    10 जनवरी को अयोग्यता याचिकाओं पर अपने फैसले में स्पीकर ने शिंदे खेमे के किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया था।

    शिंदे की स्थिति हुई और मजबूत

    स्पीकर के इस फैसले ने मुख्यमंत्री के रूप में शिंदे की स्थिति को और मजबूत कर दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के सीएम बनने के 18 महीने बाद एकनाथ शिंदे ने ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।

    इसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन में शिंदे की राजनीतिक ताकत बढ़ गई, जिसमें भाजपा और एनसीपी (अजित पवार समूह) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि कुछ महीने बाद आम चुनाव और 2024 की दूसरी छमाही में राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं।

    स्पीकर ने कहा- दलबदल विरोधी कानून यहां लागू नहीं

    नार्वेकर ने कहा था कि कोई भी पार्टी नेतृत्व किसी पार्टी के भीतर असंतोष या अनुशासनहीनता को दबाने के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उपयोग नहीं कर सकता है। स्पीकर ने कहा था कि जून 2022 में जब पार्टी विभाजित हुई तो शिंदे समूह को शिवसेना के कुल 54 विधायकों में से 37 का समर्थन प्राप्त था।

    इससे पहले चुनाव आयोग ने 2023 की शुरुआत में शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' नाम और 'धनुष और तीर' प्रतीक दिया था।