'औरंगजेब एक कुशल प्रशासक था...', उदयपुर की यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के बयान पर बवाल
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में छात्रों ने कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताने वाले बयान पर हंगामा किया। छात्रों ने टायर जलाए और प्रशासनिक भवन के कांच तोड़े। प्रो. मिश्रा ने माफी मांगी पर छात्र इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि यह बयान भारतीय इतिहास का अपमान है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर में शुक्रवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा के एक विवादित बयान के विरोध में छात्रों ने जमकर हंगामा किया। छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में टायर जलाए, पुतले फूंके और प्रशासनिक भवन के कांच तोड़ दिए।
हालात बिगड़ते देख पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। विवाद की जड़ प्रो. मिश्रा का वह बयान है जिसमें उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब को "कुशल प्रशासक" बताया था। 12 सितंबर को एक शैक्षणिक कार्यक्रम में दिए गए बयान को लेकर छात्र संगठनों में आक्रोश फैल गया।
विवाद बढ़ने के बाद मांगी माफी
छात्रों का आरोप है कि यह बयान भारतीय इतिहास और वीर नायकों का अपमान है। विवाद बढ़ता देख कुलगुरु सुनीता मिश्रा ने माफी जारी की। उन्होंने कहा, "मेरे वक्तव्य को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है। यदि पूरा भाषण सुना जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि मेरा आशय प्रशंसा का नहीं था। मैं मूलतः अहिन्दी भाषी हूं, जिससे भाषा में कुछ भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हों, तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं।"
हालांकि माफी के बावजूद छात्र संगठन कुलगुरु के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थान में ऐसे इतिहास-विरोधी वक्तव्य अस्वीकार्य हैं। प्रशासन ने फिलहाल स्थिति पर नियंत्रण पा लिया है, लेकिन छात्रों की नाराजगी को देखते हुए आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज हो सकता है।
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