जस्टिस वर्मा मामले में समिति की सहायता करेंगे दो वकील, जज पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही समिति की सहायता के लिए दो वकीलों की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही रोहन सिंह और समीक्षा दुआ को न्यायाधीश वर्मा को हटाने के आधारों की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही समिति की सहायता के लिए दो वकीलों की नियुक्ति की गई है।
रोहन सिंह और समीक्षा दुआ को न्यायाधीश वर्मा को हटाने के आधारों की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है।
जस्टिस वर्मा के घर मिलेंगे जले हुए नोटों के बंडल
पिछले महीने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग के लिए विभिन्न पार्टियों की ओर से दिए गए नोटिस को स्वीकार किया था। जस्टिस वर्मा के दिल्ली में आधिकारिक आवास पर 14 मार्च को जले हुए नोटों के बंडल मिले थे।
लोकसभा अध्यक्ष ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीवी आचार्य की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।
दो वकीलों की नियुक्ति की सूचना 19 सितंबर को दी गई थी
दो वकीलों की नियुक्ति की सूचना 19 सितंबर को दी गई थी। इनका कार्यकाल समिति के कार्यकाल के साथ समाप्त होगी या फिर जब तक आगे के आदेश नहीं दिए जाते। जस्टिस वर्मा को आवास परिसर से जले नोट मिलने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस भेजा गया था।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त जांच पैनल ने इस घटना की जांच की थी और रिपोर्ट में कहा गया कि जस्टिस वर्मा और उनके परिवार का उस स्टोर रूम पर नियंत्रण था, जहां से यह नकदी मिली थी। इसमें उनके खिलाफ गंभीर कदाचार पाया गया।
इसके बाद तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश की थी।
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