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    साइबर अपराधियों ने लांघी सारी हदें, बेंगलुरु में दो महिलाओं को किया डिजिटल अरेस्ट; कपड़े उतारने को किया मजबूर

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 07:18 AM (IST)

    साइबर अपराध अब इस हद तक बढ़ गया है कि महिलाओं को कपड़े तक उतारने को मजबूर किया जा रहा है। ऐसा मामला बेंगलुरु में देखने को मिला है। यहां साइबर ठगों ने बेंगलुरु में दो महिलाओं से पैसे ऐंठ लिए और पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर उन्हें कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया। वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

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    बेंगलुरु में दो महिलाओं को किया डिजिटल अरेस्ट, कपड़े उतरवाए (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, बेंगलुरु। साइबर अपराध अब इस हद तक बढ़ गया है कि महिलाओं को कपड़े तक उतारने को मजबूर किया जा रहा है। ऐसा मामला बेंगलुरु में देखने को मिला है। यहां साइबर ठगों ने बेंगलुरु में दो महिलाओं से पैसे ऐंठ लिए और पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल पर उन्हें कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया।

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    महिलाओं को नौ घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा गया

    महिलाओं को नौ घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा गया और उन्हें "ऑनलाइन मेडिकल जांच" के लिए कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ठगों ने महिलाओं को जन्मचिह्नों और तिलों की पहचान के लिए "ऑनलाइन मेडिकल जांच" के लिए कपड़े उतारने का आदेश दिया, इस दौरान उन्होंने वीडियो रिकॉर्ड किए और महिलाओं की तस्वीरें लीं।

    पुलिस को इस घटना के बारे में तब पता चला जब शनिवार को एक 46 वर्षीय महिला पूर्वी सेंट्रल रेलवे पुलिस स्टेशन पहुंची। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत शिकायत दर्ज की गई।

    मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर आया महिला के पास फोन

    यह घटना 17 जुलाई को हुई जब महिला और उसकी बचपन की दोस्त को एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताया। इसके बाद 'अधिकारी' ने महिला और उसकी दोस्त, जो थाईलैंड में योग प्रशिक्षक है और वहां आई हुई थी, उसपर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया।

    इस तरह बनाया बेवकूफ

    उन पर जेट एयरवेज मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े होने का आरोप लगाया गया। शिकायत के अनुसार, जब महिला ने इन आरोपों से इनकार किया, तो धोखेबाज ने पीड़िता के डेबिट कार्ड की विशिष्ट जानकारी साझा की जो कि ठीक थी, जिसके बाद विश्वास हो गया कि वह व्यक्ति सही बोल रहा है।

    आरोपियों ने गिरफ्तारी वारंट और एक फर्जी सीबीआई पहचान पत्र सहित कई जाली दस्तावेज पेश किए। ये दस्तावेज इतने भरोसेमंद थे कि महिलाओं को लगा कि वे अधिकारियों से बात कर रही हैं। शिकायतकर्ता ने पीटीआई को बताया कि हमें घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी, क्योंकि उनका दावा था कि हम निगरानी में हैं।

    58 हजार रुपये ठगों के खाते में किए ट्रांसफर

    इसके बाद महिलाओं से सत्यापन के लिए एक खास खाते में पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया और उन्हें पूरा पैसा वापस करने का वादा किया गया। इसके बाद, प्रशिक्षक ने धोखेबाजों को ₹58,447 ट्रांसफर कर दिए।

    मेडिकल क्लियरेंस की आड़ में, धोखेबाजों ने महिलाओं से नग्न होकर एक ऑनलाइन परीक्षा देने को कहा। उन्होंने दावा किया कि शरीर पर निशान, तिल या टैटू की पहचान के लिए यह जरूरी है।

    एक महिला ने दिखाई होशियारी

    हालांकि, महिलाओं को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी रिकॉर्डिंग की जा रही है। घंटों की प्रताड़ना के बाद,  एक महिला ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए एक दोस्त से संपर्क किया, जिसने उन्हें कॉल डिस्कनेक्ट करने और तुरंत कोई भी पैसा ट्रांसफर करने से मना करने की सलाह दी।

    पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

    जब ठग महिलाओं से संपर्क नहीं कर पाए, तो उन्होंने उन्हें तस्वीरें और वीडियो भेजकर उन्हें सार्वजनिक करने की धमकी दी। हालांकि, दोनों महिलाओं ने इसके बाद पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।