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    पाकिस्तान से प्यार, भारत से तकरार... क्या ट्रेड डील के लिए 'बयानबाजी' से दबाव बना रहे डोनाल्ड ट्रंप?

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 09:41 PM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत अर्थव्यवस्था बताया और रूस के साथ भारत के संबंधों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। जबकि विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं ने भारत की आर्थिक विकास दर अमेरिका से बेहतर रहने का अनुमान जताया है।

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    रणनीतिक संबंधों का भी लिहाज नहीं कर रहे ट्रंप (फोटो: रॉयटर्स)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से यह साबित किया है कि क्यों उनको दुनिया का सबसे अनिश्चित व्यवहार करने वाला नेता क्यों कहा जाता है। भारतीय आयात पर एक अगस्त, 2025 से 25 फीसद का शुल्क और इसके साथ पेनाल्टी लगाने की घोषणा के बाद गुरूवार को सुबह राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत व रूस के संबंधों पर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की और भारतीय अर्थव्यवस्था को डेड इकोनमी की संज्ञा दे दी।

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    यही नहीं आतंक को पनाह देने वाले पाकिस्तान के साथ कारोबारी समझौते की घोषणा करने के साथ ही ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों की तरफ से पाकिस्तान में निकाले गये तेल की बिक्री भारत को करने के बारे में कटाक्ष भी किया। ट्रंप के इन बयानों पर भारत का कोई बयान नहीं आया है लेकिन यह माना जा रहा है कि कारोबारी समझौते में भारत ने जिस तरह से अमेरिकी दबाव को दरकिनार किया है, उसे देख कर ही राष्ट्रपति ट्रंप इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।

    ट्रंप ने की विवादित टिप्पणी

    ऐसे बयान को दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों की प्रकृति के खिलाफ भी माना जा रहा है। सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा कि, 'मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वो अपनी मृत अर्थव्यवस्था को एक साथ डुबा सकते है, मुझे इसकी कोई चिंता नहीं। हमने भारत के साथ बहुत ही कम कारोबार किया है। उनकी टैरिफ (सीमा शुल्क) बहुत ज्यादा है। इसी तरह से रूस और अमेरिका के बीच कोई कारोबार नहीं होता। इसे इसी तरह से रहने दिया जाए।'

    इस टिप्पणी की भाषा निश्चित तौर पर वैसी ही है जैसी राष्ट्रपति ट्रंप की होती है, लेकिन इससे साफ है कि वह भारत के साथ कारोबारी व रणनीतिक संबंधों का कोई लिहाज नहीं कर रहे। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उनका उक्त बयान सच्चाई से काफी दूर है। विश्व बैंक, आईएमएफ, एडीबी, एस एंड पी, मूडीज, मोर्गन स्टेनले जैसी बहुराष्ट्रीय एजेंसियों ने अपनी रिपोर्टों में वर्ष 2025 में भी भारत को दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाली देश बने रहने का अनुमान लगाया है।

    अमेरिका से बेहतर विकास दर

    • इन एजेंसियों के मुताबिक वर्ष 2025-26 में भारत की आर्थिक विकास दर के 6.4 से 6.8 फीसद के बीच रहने वाली है। यह अमेरिका की संभावित विकास दर के मुकाबले दोगुनी है। विश्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2023 और वर्ष 2024 में दुनिया की आर्थिक प्रगति में भारतीय इकोनॉमी का हिस्सा 15 फीसदी से ज्यादा का था। भारतीय इकोनॉमी का आकार 3.8 अरब डॉलर के करीब है और चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी है।
    • ट्रंप का यह कहने की कोशिश की है कि भारत रूस से ज्यादा कारोबार करता है जबकि अमेरिका व भारत में बहुत ही कम ट्रेड होता है, यह बात भी पूरी तरह से गलत है। वर्ष 2024-25 में भारत और रूस का द्विपक्षीय कारोबार 68.7 अरब डॉलर का रहा था जिसमें 85 फीसदी हिस्सा रक्षा और इनर्जी (तेल व गैस खरीद) का है। दूसरी तरफ विगत वर्ष भारत व अमेरिका का द्विपक्षीय कारोबार 131 अरब डॉलर था। भारत व अमेरिका के बीच कारोबार काफी व्यापक है जबकि रूस व भारत का कारोबार कमोबेश तेल व गैस तक सीमित है।

    द्विपक्षीय कारोबारी समझौते में बना रहे दबाव

    फरवरी, 2025 में जब पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच वाशिंगटन में मुलाकात हुई थी तब द्विपक्षीय कारोबारी समझौते (बीआईटी) करने की सहमति बनी थी और द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर करने पर बात हुई थी। देखा जाए तो ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर दोबारा स्थापित होने के बाद से लगातार असहज करने वाले बयान देते रहे हैं।

    पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के लिए भारत की ऑपरेशन सिंदूर को रोकवाने के बारे में वह 28 बार बयान दे चुके हैं। भारत की तरफ से कई बार यह कहने के बावजूद कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सीजफायर करने का फैसला भारत व पाकिस्तान के बीच डीजीएमओ के बीच वार्ता में हुआ है, ट्रंप लगातार अपनी तरफ से दावा करते हैं।

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