Trump Tariff On India: ये है ट्रंप के टैरिफ का तोड़... GDP पर कम हो जाएगा असर; क्या है मोदी सरकार का Plan B?
Trump Tariff On India अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर लगाया गया अतिरिक्त 25% टैरिफ बुधवार से प्रभावी हो गया जिससे कुछ शिपमेंट पर शुल्क 50% तक बढ़ गया है। अमेरिका द्वारा लगाया गया यह सबसे अधिक टैरिफ है और ब्राजील और चीन के बराबर है। अमेरिका ने जुलाई में भारतीय आयात पर 25% टैरिफ की घोषणा की थी जो 7 अगस्त से प्रभावी हो गया था।
Trump Tariff On India: डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के संदर्भ में भारत की इकोनमी 2030 तक 20.7 ट्रिलियन डालर तक पहुंच सकती है। इतना ही नहीं 2038 तक भारत के आर्थिकी के 34.2 ट्रिलियन डालर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने की संभावना है।
ईवाई की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर भारत उचित कदम उठाता है तो वह उच्च अमेरिकी टैरिफ के असर को जीडीपी के लगभग 0.1 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसका अर्थ यह है कि वित्त वर्ष 2026 में भारत की 6.5 प्रतिशत की अपेक्षित वृद्धि दर में अधिकतम 10 आधार अंकों की कमी आएगी।
दो देशों के बीच मुद्रा की क्रयशक्ति
पीपीपी अंतरराष्ट्रीय विनिमय का एक सिद्धांत है। इसका अर्थ किन्हीं दो देशों के बीच वस्तु या सेवा की कीमत में मौजूद अंतर से लिया जाता है। इतना ही नहीं इसके माध्यम से किसी देश की अर्थव्यवस्था के आकार का पता लगाया जा सकता है। क्रय शक्ति समता के माध्यम से यह भी पता लगाया जाता है कि दो देशों के बीच मुद्रा की क्रयशक्ति में कितना अंतर या फिर समता मौजूद है।
गतिशील इकोनमी
ईवाई इकोनमी वॉच के अगस्त, 2025 अंक में कहा गया है कि भारत दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से सबसे गतिशील इकोनमी के तौर पर उभर रहा है। इसकी वजह मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचा (उच्च बचत और निवेश दरें), अनुकूल जनसांख्यिकी और एक स्थायी राजकोषीय स्थिति है।
ट्रंप के टैरिफ का दबाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ दबाव और धीमे व्यापार जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत का लचीलापन घरेलू मांग पर उसकी निर्भरता और आधुनिक तकनीकों में बढ़ती क्षमताओं से उपजा है। रिपोर्ट में अमेरिकी टैरिफ अनिश्चितताओं और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों की पृष्ठभूमि में पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के तुलनात्मक आर्थिक स्वरूप का परीक्षण करती है।
भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
आईएमएफ के अनुसार, भारत पहले से ही तीसरी सबसे बड़ी आर्थिकी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 25 में पीपीपी के आधार पर भारत की जीडीपी के 14.2 ट्रिलियन डालर होने का अनुमान लगाया है, जो बाजार विनिमय दर के संदर्भ में मापे जाने से लगभग 3.6 गुना अधिक है। इस प्रकार, भारत पहले से ही चीन और अमेरिका के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में कहा गया है, 'अगर भारत और अमेरिका 2028-2030 के दौरान (आईएमएफ के पूर्वानुमानों के अनुसार) क्रमश: 6.5 प्रतिशत और 2.1 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर बनाए रखते हैं तो भारत 2038 तक पीपीपी के संदर्भ में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ सकता है। यह भी अनुमान है कि भारत 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए बाजार विनिमय दर के संदर्भ में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।'
महत्वपूर्ण तकनीकों में लचीलापन और उन्नत क्षमताओं का निर्माण करके भारत 2047 तक अपनी विकसित भारत की आकांक्षाओं के और करीब पहुंचने की स्थिति में है।
-डीके श्रीवास्तव, मुख्य नीति सलाहकार, ईवाई इंडिया
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