Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Assembly Polls Results: त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आज, किसके सिर सजेगा ताज?

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Thu, 02 Mar 2023 07:53 AM (IST)

    पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा मेघालय और नगालैंड के विधानसभा चुनाव के परिणाम गुरुवार को आने हैं। तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं। यहां भाजपा कांग्रेस एवं वामदलों समेत कई क्षेत्रीय दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ममता बनर्जी की मेहनत की भी परीक्षा होनी है।

    Hero Image
    पूर्वोत्तर के 3 राज्यों के आज आएंगे परिणाम।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड के विधानसभा चुनाव के परिणाम गुरुवार को आने हैं। तीनों राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं। यहां भाजपा, कांग्रेस एवं वामदलों समेत कई क्षेत्रीय दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ममता बनर्जी की मेहनत की भी परीक्षा होनी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ममता बनर्जी के लिए बड़ी चुनौती

    बंगाल से बाहर निकल कर ममता ने मेघालय में तृणमूल कांग्रेस के लिए काफी पसीना बहाया है। सबसे ज्यादा त्रिपुरा के परिणाम की प्रतीक्षा है, जहां पिछली बार भाजपा ने माकपा को सत्ता से बाहर कर अपनी सरकार बनाई थी। मेघालय एवं नगालैंड में भी भाजपा सरकार की सहयोगी थी। त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव हुए थे। शेष दो राज्यों में 27 फरवरी को वोट पड़े थे।

    एग्जिट पोल में त्रिपुरा और नगालैंड में बन सकती भाजपा की सरकार

    एग्जिट पोल के आंकड़े बता रहे हैं कि त्रिपुरा एवं नगालैंड में एनडीए की सरकार बन सकती है। मेघालय को लेकर आंकड़े स्पष्ट नहीं हैं। यहां त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति हो सकती है। त्रिपुरा को वैचारिक संघर्ष का धरातल माना जा रहा है, जहां वामदलों ने भाजपा का सामना करने के लिए अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के साथ तालमेल किया है।

    यहां किसी भी खेमे की जीत या हार का संदेश राष्ट्रीय स्तर पर जाएगा। त्रिपुरा में पिछली बार आदिवासी वोटों के समर्थन के सहारे भाजपा ने इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ मिलकर वामदलों को सत्ता से बाहर किया था। किंतु इस बार भाजपा के रास्ते में त्रिपुरा राजघराने के प्रद्योत देबबर्मा ने टिपरा मोथा नाम से एक नई पार्टी बनाकर मुश्किलें खड़ी करने का प्रयास किया है। 2018 में भाजपा ने 36 और आईपीएफटी ने आठ सीटें जीती थीं।

    आदिवासी वोटरों पर किसकी पकड़?

    परिणाम से यह भी साफ हो जाएगा कि इस बार आदिवासी वोटरों पर किसकी अधिक पकड़ है। मेघालय और नगालैंड की स्थिति त्रिपुरा से थोड़ी अलग है। यहां क्षेत्रीय दलों का ही बोलबाला रहा है। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेते कई बड़े नेताओं के साथ पैठ बढ़ाने के लिए काफी संघर्ष किया है।

    मेघालय में पांच वर्ष पहले भाजपा को दो सीटों पर जीत मिली थी। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीटी) की सरकार में शामिल भाजपा ने इस बार गठबंधन तोड़कर राज्य की सभी 60 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारा है। देखना होगा कि उसे किस सीमा तक सफलता मिलती है। पिछली बार कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं। इस बार सीटें अनुमान से कम मिल सकती हैं। हालांकि, एग्जिट पोल के अनुमान में मेघालय में किसी दल को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है।

    नगालैंड में विपक्ष को लग सकता है झटका

    ऐसे में यहां गठबंधन सरकार की ही उम्मीद है। नगालैंड में 59 सीटों पर मतदान हुए हैं। एक सीट पर पहले निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) की सरकार में शामिल भाजपा इस बार भी गठबंधन कर लड़ रही है। एनडीपीपी 40 और भाजपा ने 20 प्रत्याशी उतारे हैं।

    भाजपा गठबंधन को बहुमत से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस एवं अन्य दलों को निराशा हाथ लग सकती है। ममता बनर्जी के लिए भी यह बड़ी परीक्षा की घड़ी है। तृणमूल कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी थी। उसका प्रयास कांग्रेस की तुलना में भाजपा के विरुद्ध एक ताकतवर प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्वयं को सत्यापित करने का है।