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    त्रिपुरा सरकार की नई शिक्षा नीति, कम नामांकन वाले स्कूलों को प्रतिष्ठित निजी समूहों को सौंपा जाएगा

    त्रिपुरा सरकार ने एक नई शिक्षा नीति तैयार की है। राज्य के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने देश के प्रतिष्ठित संस्थानों को राज्य के ग्रामीण इलाकों में बहुत कम नामांकन वाले स्कूलों को लेने के लिए बुलाया जाएगा।

    By Ashisha RajputEdited By: Updated: Wed, 08 Dec 2021 03:56 PM (IST)
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    त्रिपुरा सरकार की नई शिक्षा नीति, कम नामांकन वाले स्कूलों को प्रतिष्ठित निजी समूहों को सौंपा जाएगा

    अगरतला, एएनआइ।‌ त्रिपुरा सरकार ने एक नई शिक्षा नीति तैयार की है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक खास कदम उठाया गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने देश के प्रतिष्ठित संस्थानों को राज्य के ग्रामीण इलाकों में बहुत कम नामांकन वाले स्कूलों को लेने के लिए बुलाया जाएगा। आपको बता दें कि राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अक्टूबर के अंत में इस फैसले को मंजूरी दी थी लेकिन अभी तक किसी भी निजी संस्थान ने, जो सरकार द्वारा निर्धारित सभी मानदंडों को पूरा कर सकता है, ने सामने से आकर इस बात कि स्वीकृति नहीं दिखाई।

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    प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई बात

    सिविल सचिवालय सम्मेलन हॉल में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा, 'लोगों का एक वर्ग झूठी खबरें फैलाकर राज्य के शिक्षा विभाग की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है। वे इस नीति को सभी सरकारी स्कूलों के निजीकरण करने के रूप में ब्रांड करके त्रिपुरा सरकार को खराब रोशनी में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।

    कॉन्फ्रेंस में एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार ने प्रतिष्ठित शैक्षिक समूहों को यहां आने और बहुत कम नामांकन वाले स्कूलों का प्रभार लेने के लिए नीति तैयार की है। सरकार द्वारा उठाए गए बुनियादी ढांचे, भूमि और अन्य चीजों को उन्हें 30 साल के लीज एग्रीमेंट पर सौंप दिया गया है।' मंत्री लाल नाथ ने आगे स्कूलों की वर्तमान संख्या का जिक्र करते हुए बताया कि त्रिपुरा में, कुल 4,200 स्कूल हैं, जिनमें से त्रिपुरा सरकार सीधे 2,600 स्कूलों को चलाती है और अन्य 1,630 स्कूल टीटीएएडीसी द्वारा संचालित किया जाता है।

    उन्होंने स्कूलों में छात्रों कि उपस्थिति के बारे में कहा कि सरकारी स्कूलों में, तीन ऐसे स्कूल ऐसे हैं जिनमें कोई छात्र नहीं है। वहीं एक स्कूल ऐसा है जिसमें दो छात्र हैं, और बाकि के तीन स्कूलों में मात्र तीन-तीन छात्र हैं, जबकि टीटीएएडीसी में, चार स्कूल हैं जिनमें प्रत्येक में दो-दो छात्र हैं। इस खराब स्थिति को ठीक करने के नई निति को तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का एकमात्र लक्ष्य राज्य के स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।

    मंत्री नाथ ने कहा, 'हम छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार करना चाहते हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक उत्कृष्टता के केंद्र बनाना, शिक्षण शिक्षण के नवाचार को बढ़ावा देना, कला गतिविधि सीखने की शुरुआत करना और शिक्षा क्षेत्र में अच्छा नाम अर्जित करने वाले संस्थानों को लाकर खेल उत्कृष्टता के केंद्र बनाना चाहते हैं'

    वहीं इस बीच, राज्य सरकार ने विद्याज्योति योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा संचालित 100 स्कूलों की घोषणा की है जो उत्कृष्टता केंद्र बनने जा रहे हैं।