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    पद्मश्री बाबा योगेंद्र की याद में 18 जून को है श्रद्धांजलि सभा, मोहन भागवत और राजनाथ सिंह करेंगे श्रद्धासुमन अर्पित

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Thu, 16 Jun 2022 05:13 PM (IST)

    बाबा योगेंद्रजी कला तथा साहित्य के क्षेत्र में काम करनेवाली अखिल भारतीय संस्था ‘संस्कार भारती’ के संस्थापक थे तथा अनेक वर्षों तक राष्ट्रीय संगठन मंत्र ...और पढ़ें

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    द्मश्री बाबा योगेंद्र का 98 वर्ष की आयु में 10 जून, 2022 को हुआ निधन

    नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व संस्कार भारती के संरक्षक पद्मश्री बाबा योगेंद्र का 98 वर्ष की आयु में 10 जून, 2022 को निधन हो गया। अब उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई है। यह श्रंद्धांजलि सभा 18 जून, 2022 को सायं 4:30 बजे श्री सत्य साईं इंटरनेशनल सेंटर लोदी रोड नई दिल्ली में आयोजित की जा रही है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पद्मविभूषण डाक्टर सोनल मानसिंह तथा अनेक कला-साहित्य-संस्कृति तथा समाज के विभिन्न वर्गों के महानुभाव श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

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    बाबा योगेंद्र कला तथा साहित्य के क्षेत्र में काम करनेवाली अखिल भारतीय संस्था ‘संस्कार भारती’ के संस्थापक थे तथा अनेक वर्षों तक राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे। कला क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए वर्ष 2018 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से अलंकृत किया था। इसके अतिरिक्त भाऊराव देवरस सेवा सम्मान तथा अहिल्या बाई होलकर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा अनेक पुरस्कारों से भी वे सम्मानित हुए थे।

    उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के गांधीनगर में हुआ था जन्म

    योगेंद्रजी का जन्म 7 जनवरी, 1924 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के गांधीनगर में हुआ था। बचपन में ही वे गांव में लगने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाने लगे। इसके बाद गोरखपुर में पढ़ाई के दौरान उनका संपर्क संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख से हुआ। संघ का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह प्रचारक बन गए।

    बाबा योगेंद्र के मार्गदर्शन में 'संस्कार भारती’ कला-साहित्य के क्षेत्र में देश की अग्रणी संस्था

    बाबा योगेंद्र गोरखपुर, प्रयाग, बरेली, बदायूं और सीतापुर में प्रचारक रहे। वर्ष 1981 में जब संस्कार भारती की स्थापना हुई तो बाबा योगेंद्रजी को उसके अखिल भारतीय संगठन मंत्री का दायित्व सौंपा गया। विश्व को भीमबेटका तथा सरस्वती नदी के मार्ग की जानकारी देने वाले पद्मश्री डाक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर जी के साथ मिलकर उन्होंने कला-साधकों के मन में राष्ट्रीय भावना के जागरण का कार्य लंबे समय तक किया। उनके सतत मार्गदर्शन के कारण आज ‘संस्कार भारती’ कला-साहित्य के क्षेत्र में देश की अग्रणी संस्था है।