'विलुप्ति के कगार पर है आदिवासी समुदाय', निशिकांत दुबे ने बांग्लादेशियों घुसपैठ को ठहराया जिम्मेदार
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को लोकसभा में झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में घटती आदिवासी जनसंख्या पर चिंता जताई। उन्होंने इसके लिए बांग्लादेशियों की बड़े पैमाने पर घुसपैठ को जिम्मेदार ठहराया। दुबे के अनुसार इस क्षेत्र में आदिवासी जनसंख्या में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है। आगे बोले कि अधिक समय से मैं लगातार यह मुद्दा उठा रहा हूं।

एएनआई, नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को लोकसभा में झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में घटती आदिवासी जनसंख्या पर चिंता जताई। उन्होंने इसके लिए बांग्लादेशियों की बड़े पैमाने पर घुसपैठ को जिम्मेदार ठहराया। दुबे के अनुसार, इस क्षेत्र में आदिवासी जनसंख्या में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है।
निशिकांत बोले- मैं लगा रहा हूं लगातार मुद्दे
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों या इससे भी अधिक समय से मैं लगातार यह मुद्दा उठा रहा हूं। हमारे क्षेत्र संथाल परगना में जहां हर कोई अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों की बात करता है, वहां वास्तविकता बिल्कुल अलग है।
1951 की जनगणना के अनुसार, संथाल परगना में आदिवासियों की जनसंख्या 45 प्रतशित थी। 2011 की जनगणना के अनुसार, यह घटकर केवल 27 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आगामी जनगणना में यह संख्या और घटकर लगभग 21 या 22 प्रतिशत हो जाएगी।
मैं हिंदी जानता हूं और हिंदी में ही भाषण दूंगा : निशिकांत दुबे
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को सदन की अनुवाद प्रणाली में गड़बड़ी के बाद डीएमके सांसदों द्वारा उनसे अंग्रेजी में बोलने की मांग पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें विदेशी भाषा के बजाय तमिल या बंगाली जैसी किसी भारतीय भाषा का सुझाव देना चाहिए था।
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग ले रहे दुबे ने कहा कि वह हिंदी जानते हैं और हिंदी में ही भाषण देंगे। कहा कि अंग्रेजी एक विदेशी भाषा है। इस पर आपका जोर आपकी मानसिकता को दर्शाता है।
डीएमके सांसदों पर भाजपा सांसद ने पलटवार किया
डीएमके सदस्यों द्वारा उनसे अंग्रेजी में बोलने के लिए कहने पर भाजपा सांसद ने पलटवार किया। सभापति ने सदस्यों की चिंता को कम करने की कोशिश की और कहा कि यह एक तकनीकी समस्या है। इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। दुबे ने कहा कि यह मेरी समस्या नहीं है, बल्कि लोकसभा की समस्या है। मैं हिंदी जानता हूं और मैं हिंदी में भाषण दूंगा।
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