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    'छावनियों को स्मार्ट और टिकाऊ शहरी इकोसिस्टम में बदलें', राजनाथ सिंह बोले- भारत को बनाना है विकसित देश

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 19 Sep 2025 06:58 AM (IST)

    रक्षा संपत्ति महानिदेशालय द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि जन विश्वास अधिनियम 2023 के माध्यम से छावनियों में छोटी-मोटी आपराधिक घटनाओं को अपराध नहीं मानने का सरकार का निर्णय वहां रहने और व्यवसाय करने को आसान बनाएगा। उन्होंने कहा औपनिवेशिक युग के कानून अब बोझ लगते हैं और प्रशासनिक प्रणाली अक्सर जटिल हो जाती है।

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    'छावनियों को स्मार्ट और टिकाऊ शहरी इकोसिस्टम में बदलें', राजनाथ सिंह

     एएनआई, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय रक्षा संपत्ति सेवा (आइडीईएस) के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे छावनियों को स्मार्ट, हरित और टिकाऊ शहरी इकोसिस्टम के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास करें और 2035 तक इसे प्राप्त करने का लक्ष्य रखें। यह सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा, जिसमें भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य है।

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    रक्षा संपत्ति महानिदेशालय द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि जन विश्वास अधिनियम, 2023 के माध्यम से छावनियों में छोटी-मोटी आपराधिक घटनाओं को अपराध नहीं मानने का सरकार का निर्णय वहां रहने और व्यवसाय करने को आसान बनाएगा।

    उन्होंने कहा, औपनिवेशिक युग के कानून अब बोझ लगते हैं और प्रशासनिक प्रणाली अक्सर जटिल हो जाती है। इन जटिलताओं को कम करने और नागरिकों के विश्वास पर आधारित शासन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2023 में जन विश्वास अधिनियम लेकर आई।

    इस कानून के तहत कुछ छोटे-मोटे अपराधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा। अब इन मामलों में केवल जुर्माना लगाया जाएगा। इस कदम से न केवल जीवन सुगम होगा, बल्कि व्यापार करने में भी आसानी होगी।

    हालांकि, रक्षा मंत्री ने आगाह किया कि जुर्माने की राशि गैर-आनुपातिक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, आप यह जानते हैं। लेकिन मैं आपको फिर भी याद दिलाना चाहता हूं कि जुर्माना लगाते समय सावधानी और संतुलन बनाए रखना चाहिए। कभी-कभी संपत्ति की कीमत से भी ज्यादा जुर्माना लगा दिया जाता है।