गिल्ली-डंडा, कबड्डी, खो-खो और कंचे...स्कूलों में फिर खेले जाएंगे पारंपरिक भारतीय खेल, शिक्षा मंत्रालय ने बनाई योजना
शिक्षा मंत्रालय ने 75 पारंपरिक भारतीय खेलों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है जिसमें गिल्ली-डंडा कबड्डी खो-खो और कंचे शामिल हैं। इन खेलों को स्कूली पाठ्यक्रम से जोड़ने नियमों को मानकीकृत करने और प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने की तैयारी हो रही है। इससे बच्चों में सामाजिक जुड़ाव बढ़ेगा और वे अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ेंगे। प्रतियोगिताओं के आयोजन की भी योजना बनाई जा रही है।
अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। यदि आप स्कूलों में पढ़ रहे है और अब तक गिल्ली-डंडा, कंचे, कबड्डी, लगड़ी, गुट्टी और राजा मंत्री-चोर सिपाही जैसे खेलों से परिचित नहीं है तो जल्द ही आपको इन परंपरागत प्राचीन भारतीय खेलों से परिचित होने का मौका मिल सकता है।
आधुनिकता और तकनीक के इस दौर में तेजी से लुप्त हो रहे इन परंपरागत भारतीय खेलों को बचाने को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने एक नई मुहिम शुरू की है। जिसमें देश की नई पीढ़ी को इन भारतीय खेलों से स्कूली स्तर पर ही जोड़ा जाएगा। इनमें ऐसे परंपरागत खेलों को अधिक अहमियत दी जाएगी, जो समूहों में खेले जाते है।
सामाजिक जुड़ाव की भावना विकसित करने में मिलेगी मदद
माना जा रहा है कि इससे बच्चों में सामाजिक जुड़ाव की भावना विकसित करने में मदद मिलेगी। देश के अलग-अलग हिस्सों में प्राचीन समय से खेले जाने वाले करीब 75 भारतीय खेलों को अब तक इस पहल के तहत चिन्हित किया गया है। इनमें खो-खो, लगड़ी, कबड्डी व गिल्ली-डंडा जैसे ऐसे खेल भी शामिल है, जो अलग-अलग नामों से देश के कई हिस्सों में और दुनिया के दूसरे देशों में खेले जाते है।
मंत्रालय फिलहाल कबड्डी की तर्ज पर इन खेलों के लिए एक स्टैंडर्ड नियम-कायदे बनाने में जुटा है। इसमें इन खेलों से जुड़े विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। अब तक कबड़ी, गिल्ली-डंडा, खो-खो और लगोरी या पिट्ठू जैसे खेलों के नियम कायदे व इसे खेलते हुए वीडियो अपलोड भी किए जा चुके है।
बाकी खेलों को लेकर भी ऐसी तैयारी चल रही है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इस पहल के पीछे मकसद बच्चों को इन खेलों के जरिए भारतीय जड़ों से परिचित कराना शामिल है। इसका एक ढांचा तैयार किया जा रहा है। इन खेलों से जुड़े देश भर के प्रतिभाशाली लोगों की पहचान की जा रही है।
फिजिकल टीचर को ट्रेनिंग देने की तैयारी
स्कूलों में तैनात खेल व व्यायाम शिक्षकों को इससे जुड़ा प्रशिक्षण देने की तैयारी भी की जा रही है। स्कूलों से इसका ब्यौरा मांगा है। इसके साथ ही इन खेलों के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए देश भर में इससे जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित करने जैसी पहल शामिल है। शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में की गई पहल को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
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