DATA STORY : कोरोना महामारी के कारण बेहाल हुआ पर्यटन उद्योग, जानें-कहां कितना हुआ नुकसान
यूएनडब्ल्यूटीओ की रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय आवाजाही में उसके पिछले साल की तुलना में 70 से 75 फीसद कमी आने की उम्मीद है। इससे करीब एक बिलियन अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की कम आवक होगी। कोरोना वायरस के पहले वैश्विक स्तर पर टूरिज्म सेक्टर में बेहतरीन ग्रोथ देखी गई।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर के सभी देशों की इकोनॉमी को खासा नुकसान हुआ है। उसमें भी कुछ सेक्टर को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इनमें पर्यटन उद्योग (टूरिज्म इंडस्ट्री) प्रमुख है। दुनियाभर में कई ऐसे देश हैं, जिनकी टूरिज्म इंडस्ट्री पर बड़ी निर्भरता है। जबकि पिछले कुछ दशकों में कोरोना महामारी ट्रेवल और टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए सबसे बड़ा झटका साबित हुआ है। वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन (यूएनडब्ल्यूटीओ) का कहना है कि इस इंडस्ट्री का हाल वर्ष 1990 जैसा हो गया है। दुनियाभर की जीडीपी में इसकी वजह से दो ट्रिलियन (दो लाख करोड़) अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है।
यूएनडब्ल्यूटीओ की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय आवाजाही में उसके पिछले साल की तुलना में 70 से 75 फीसद कमी आने की उम्मीद है। इससे करीब एक बिलियन अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की कम आवक होगी। कोरोना वायरस के पहले वैश्विक स्तर पर टूरिज्म सेक्टर में बेहतरीन ग्रोथ देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार, 1980 के बाद से दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवक में तेजी से बढ़ोतरी हुई। आंकड़ों के अनुसार, 1980 में यह 277 मिलियन थी, जो 2019 में बढ़कर 1.5 बिलियन हो गई। 2003 में सार्स आपदा की वजह से दो मिलियन लोगों की आवक दुनियाभर में कम हुई थी, वहीं 2009 में वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से लोगों की यह कमी 37 मिलियन की हो गई।
अधिकतर विशेषज्ञों का कहना है कि 2021 तक इस सेक्टर में पूर्ण रिकवरी की उम्मीद नहीं है। वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन (यूएनडब्ल्यूटीओ) का अनुमान है कि कोरोना आपदा से पहले के दौर में पहुंचने के लिए इंडस्ट्री को 2.5 से 4 वर्ष लगेगा। यूएनडब्ल्यूटीओ के सेक्रेटरी जनरल जुराब पोलोलिकाशविली का कहना है कि इस आपदा के शुरू होने से पहले हमने सरकारों और बिजनेस घरानों को इस सेक्टर पर कोरोना से पड़े प्रभाव के बारे में अवगत कराया था। हालांकि, वैक्सीन की खबरों ने लोगों के विश्वास को बढ़ाया है, लेकिन रिकवरी की राह अभी लंबी है।
इतना हुआ नुकसान
वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन (यूएनडब्ल्यूटीओ) की रिपोर्ट कहती है कि दुनियाभर में जनवरी-अक्टूबर 2020 में जनवरी-अक्टूबर 2019 की तुलना में 900 मिलियन कम अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आए। इसकी वजह से 935 बिलियन डॉलर के नुकसान का सामना करना पड़ा। यह घाटा 2009 में आई आर्थिक मंदी की तुलना में दस गुना अधिक है।
कहां कितनी गिरावट
एशिया और पैसिफिक क्षेत्र को इस आपदा की वजह से बड़े घाटे का सामना करना पड़ा है। 2020 के दस महीनों में इसमें 82 फीसद की गिरावट आई है। मध्य-पूर्व में इस कारण से पर्यटन में 73 प्रतिशत की कमी आई तो अफ्रीका में यह गिरावट 69 फीसद की हुई। यूरोप और अमेरिका में यह गिरावट 68 फीसद की रही।