25 लाख के इनामी चैतू सहित 10 माओवादी मुख्यधारा में लौटे, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कई वर्षों से था सक्रिय
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सक्रिय 25 लाख के इनामी चैतू समेत 10 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन माओवादियों ने सुरक्षा बलों के सामने हथियार डाले और मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। चैतू लंबे समय से इस क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों में शामिल था। सरकार की पुनर्वास नीतियों के तहत उन्हें समाज में वापस लाने का प्रयास किया जाएगा।

10 माओवादियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष किया आत्मसमर्पण। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शुक्रवार को दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) के सदस्य चैतू उर्फ श्याम दादा सहित 10 माओवादियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
चैतू पर 25 लाख रुपये का इनाम था और उसे 2013 के झीरम घाटी हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी माना जाता है, जिसमें कांग्रेस का राज्यस्तरीय नेतृत्व लगभग पूरी तरह समाप्त हो गया था। वह कई वर्षों से सीपीआइ (माओवादी) के दर्भा डिवीजन का नेतृत्व कर रहा था और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सक्रिय सबसे वांछित माओवादियों में शामिल था।
आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नौ माओवादियों में आठ लाख की इनामी डिवीजनल कमेटी मेंबर (डीसीएम) सरोज उर्फ उर्मिला, एरिया कमेटी के छह सदस्य और पार्टी के दो सदस्य शामिल हैं। इन सभी पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण डीआरजी, बस्तर फाइटर्स, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के बढ़ते दबाव का परिणाम है।
इसके अलावा, वरिष्ठ माओवादियों के हाल के आत्मसमर्पण और छत्तीसगढ़ सरकार की अपील ने भी इस समूह को हथियार डालने के लिए प्रेरित किया। सभी को राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत आवश्यक लाभ और सहायता प्रदान की जाएगी।

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