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    शीर्ष माओवादी कमांडर भूपति का 60 कार्यकर्ताओं के साथ आत्मसमर्पण, टूट गया पूरा नेटवर्क

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 09:15 PM (IST)

    महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के शीर्ष कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू 'दादा' ने अपने 60 साथियों के साथ सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन पर डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम था। यह केंद्र सरकार के माओवाद विरोधी प्रयासों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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    शीर्ष माओवादी कमांडर भूपति का 60 कार्यकर्ताओं के साथ आत्मसमर्पण (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई, 14 अक्टूबर। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के शीर्ष कमांडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू ‘दादा’ उर्फ भूपति ने महाराष्ट्र के गढचिरौली जिले में अपने 60 साथियों के साथ सुरक्षा बलों के सामने समर्पण कर दिया है। भूपति पर डेढ़ करोड़ रुपयों का इनाम घोषित था।

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    उसकी पत्नी तारक्का एवं भाभी सुजाता कुछ माह पहले ही समर्पण कर चुकी हैं। भूपति का समर्पण केंद्र सरकार की ओर से माओवाद के खात्मे की दिशा में बहुत बड़ी सफलता माना जा रहा है। हालांकि अभी पुलिस अधिकारियों की ओर से इस घटनाक्रम की पुष्टि नहीं की गई है।

    हथियार डालकर किया आत्मसमर्पण

    पुलिस सूत्रों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार माओवादी समूह ने लंबे समय से माओवादी हिंसा का गढ़ रहे गढ़चिरौली जिले के घने जंगलों में हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया है। माओवादी पदानुक्रम में उच्च पदस्थ नेता सोनू 'दादा' ने पहले ही सरकार के समक्ष अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने की मंशा व्यक्त की थी।

    कुछ सप्ताह पहले उसके द्वारा सरकार को लिखे गए एक पत्र के बाद से माओवादी संगठन में भी कलह का माहौल बन गया था। उसके समकक्ष कुछ साथियों ने उसे कहा था कि डर लगता है, तो हथियार डाल दो। बताया जा रहा है कि माओवादी संगठनों में यह स्थिति पिछले कुछ महीनों में कई बड़े माओवादियों के मारे जाने एवं कई के आत्मसमर्पण करने के कारण पैदा हुई है।

    माओवादियों से पूछताछ जारी

    आत्मसमर्पण करने वाले कार्यकर्ताओं, जिनमें महिलाएं और निचले स्तर के कार्यकर्ता शामिल हैं, से सुरक्षा बल वर्तमान में पूछताछ कर रहे हैं, ताकि माओवादी नेटवर्क, ठिकानों और भविष्य की योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी हासिल की जा सके। यह घटना महाराष्ट्र के पूर्वी जिलों में तीव्र माओवाद विरोधी अभियानों के बीच घटित हुआ है।

    इन क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों से सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी पुनर्वास नीतियों ने भी माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रोत्साहित किया है। सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति पूर्व विद्रोहियों को समाज में पुनः शामिल करने के लिए क्षमादान, वित्तीय सहायता और कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।

    क्या सोनू दादा ने भी किया आत्मसमर्पण?

    अब यदि सोनू दादा के भी आत्मसमर्पण की पुष्टि हो जाती है, तो इससे प्रमुख माओवादी नेतृत्व की पूरी संरचना बिखर सकती हैं। क्योंकि वह माओवादी संगठन का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है। विशेषज्ञ इतने बड़े पैमाने पर हुए समर्पण को समन्वित खुफिया जानकारी और सामुदायिक संपर्क प्रयासों की सफलता मान रहे हैं। इस प्रकार के समर्पण की खबर आने के बाद गढ़चिरौली प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है। जबकि मानवाधिकार समूह आत्मसमर्पण करने वालों के साथ मानवीय व्यवहार की माँग कर रहे हैं।