Tamil Nadu: छात्राओं से साफ कराया टॉयलेट, पेरेंट्स बोले- कैंपस की सफाई और पानी भरवाने का काम भी करवाते हैं; प्रिंसिपल सस्पेंड
तमिलनाडु के पलाकोडु से एक स्कूल का वीडियो सामने आया है। जिसमें कुछ छात्राएं स्कूल के टॉयलेट को साफ कर रही हैं। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के पलाकोडु (Palakkodu) से एक स्कूल का वीडियो सामने आया है। जिसमें कुछ छात्राएं टॉयलेट साफ करती हुई नजर आ रही हैं (Students Cleaning Toilets)। बता दें कि ये स्कूल ऐसे इलाके में है, जहां लगभग 150 आदिवासी परिवार रहते हैं और अपने बच्चों को पढ़ने के लिए इसी स्कूल में भेजते हैं।
इस घटना के बाद स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि यह घटना तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले के पलाकोडू गांव में हुई।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, कक्षा 1 से 8 तक के लगभग 150 आदिवासी छात्रों को शिक्षा देने वाले इस स्कूल की जांच तब शुरू हुई जब घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।
इन तस्वीरों में स्कूल यूनिफॉर्म पहने लड़कियों को उनके हाथों में झाड़ू पकड़े और शौचालय की सफाई करते हुए देखा जा सकता है। जिसके बाद स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन हो गए और अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया और घटना की जांच की मांग की।
क्या बोले अभिभावक?
वायरल वीडियो में दिख रहे कुछ छात्रों के अभिभावकों ने स्कूल शिक्षा विभाग में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापिका बच्चों से शौचालय साफ करने, परिसर में झाड़ू लगाने और पानी लाने जैसे काम करवाती हैं।
छात्राओं के पैरेंट्स ने बताया बच्चे स्कूल से थके-हारे घर लौटते हैं। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे स्कूल में सफाई का काम कर रहे थे। जिसमें टॉयलेट साफ करना, पानी भरना और स्कूल कैंपस की सफाई करना शामिल था।
वहीं, एक छात्रा की मां ने बताया कि हमने अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजा था। जब वे घर लौटे तो बहुत थका हुआ महसूस कर रहे थे और उन्होंने होमवर्क भी नहीं किया। पूछने पर बच्चों ने कहा कि उन्होंने स्कूल में सफाई का काम किया और वे थका हुआ महसूस कर रहे हैं।
प्रशासन ने किया स्कूल की प्रिंसिपल को निलंबित
घटना के विरोध में गांव के लोग सड़कों पर उतर आए। हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगाते हुए उन्होंने प्रधानाध्यापिका के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। उनका तर्क था कि शैक्षणिक संस्थान में छात्रों, खासकर छोटी लड़कियों पर इस तरह के काम कभी नहीं थोपे जाने चाहिए।
घटना के बाद धर्मपुरी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) ने जांच शुरू कर दी है। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने भी प्रधानाध्यापिका के निलंबन की पुष्टि की है और कहा है कि मामले की जांच की जाएगी।
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