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    दबंग, खूंखार पर्यटकों की आंखों का तारा बाघ 'मुन्ना' के दीदार अब नहीं होंगे, 19 साल की उम्र में तोड़ा दम

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Sun, 07 Mar 2021 08:22 PM (IST)

    दबंग खूंखार और कुदरती देन की वजह से वर्षों तक दुनियाभर के पर्यटकों की आंखों का तारा रहे बाघ मुन्ना के दीदार अब कभी नहीं होंगे। 19 साल की आयु में रविवा ...और पढ़ें

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    भोपाल के वन विहार में तोड़ा दम, 19 साल का मुन्ना सात दिन से था बीमार।

    भोपाल, राज्य ब्यूरो। दबंग, खूंखार और कुदरती देन की वजह से वर्षों तक दुनियाभर के पर्यटकों की आंखों का तारा रहे बाघ 'मुन्ना' के दीदार अब कभी नहीं होंगे। 19 साल की आयु में रविवार को भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में उसकी मौत हो गई। मुन्ना के सिर पर कुदरती रूप से अंग्रेजी में 'कैट' और 'पीएम' लिखा हुआ था। इसी वजह से कान्हा नेशनल पार्क में कई पर्यटक सिर्फ उसे देखने आते थे। वृद्धावस्था के कारण अक्टूबर 2019 में उसे भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क लाया गया था।

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    पार्क के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा- मुन्ना की तबीयत ठीक नहीं थी

    पार्क के डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार जैन ने बताया कि आठ दिन से मुन्ना की तबीयत ठीक नहीं थी। उसके पिछले पैरों में लकवा हो गया था, वह चल नहीं पा रहा था। वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ. अतुल गुप्ता की निगरानी में मुन्ना का इलाज चल रहा था। वह लगातार कमजोर हो रहा था और उसने खाना भी बंद कर दिया था। रविवार सुबह वह अपनी हाउसिंग में मृत पाया गया।

    शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया

    तीन डॉक्टरों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। प्राथमिक रिपोर्ट में मुन्ना की मौत वृद्धावस्था के कारण होने की बात सामने आई है। रविवार को ही उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

    12 से 15 साल होती है बाघों की औसत उम्र

    वन्य प्राणी विशेषज्ञों की मानें तो बाघों की औसत उम्र 12 से 15 साल होती है, जबकि मुन्ना 19 साल का था। वह औसत उम्र से अधिक समय तक जिंदा रहा।

    कान्हा नेशनल पार्क में मुन्ना के दांत टूट गए थे, शिकार करने में दिक्कत हो रही थी

    कान्हा नेशनल पार्क में मुन्ना के दांत टूट गए थे, उसे शिकार करने में दिक्कत हो रही थी। उसकी टेरीटरी में अन्य युवा बाघों का मूवमेंट भी होने लगा था। टेरेटोरियल फाइट में उसकी मौत होने का डर था, इसलिए उसे यहां लाया गया था।

    मुन्ना लकवा से उबर नहीं पाया

    मुन्ना को पिछले पैरों में एक साल पहले भी लकवा हो गया था। वन्य प्राणी विशेषज्ञों की टीम ने उसे स्वस्थ कर दिया था। इस बार जब दोबारा लकवा हुआ तो वृद्धावस्था के कारण वह इससे उबर नहीं पाया।