MP News: चीतों के दीदार को उमड़े लोग, तीन साल बाद खुले कूनो नेशनल पार्क के गेट
नए पर्यटन सीजन में मध्य प्रदेश के साथ सभी टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क बुधवार को पर्यटकों के लिए खोल दिए गए। देश में चीतों के पहले निवास स्थल कूनो नेशनल पार्क के द्वार खुलने का क्षण पर्यटकों व प्रबंधन दोनों के लिए खास बन गया। जंगल में सफारी कर पर्यटकों को करीब से चीते देखने का अवसर मिल सकता है।

जेएनएन, श्योपुर। नए पर्यटन सीजन में मध्य प्रदेश के साथ सभी टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क बुधवार को पर्यटकों के लिए खोल दिए गए। देश में चीतों के पहले निवास स्थल कूनो नेशनल पार्क के द्वार खुलने का क्षण पर्यटकों व प्रबंधन दोनों के लिए खास बन गया।
तीन साल पहले चीते लाए जाने के बाद पहली बार कूनो के गेट पर्यटकों को लिए खोले गए और इस समय खुले जंगल में अधिक संख्या में चीते मौजूद हैं। जंगल में सफारी कर पर्यटकों को करीब से चीते देखने का अवसर मिल सकता है।
जिप्सी में सवार पर्यटक भी उन्हें देखने के लिए उत्साहित नजर आए, हालांकि पहले दिन पहुंचे 12 पर्यटकों को चीता दिखाई नहीं दिया। प्रबंधन का कहना है कि पर्यटकों के लिए पहली बार पार्क के तीनों गेट टिकटोली, अहेरा और पीपलबावड़ी खोले गए।
प्रवेश द्वारों पर नारियल फोड़ा गया व पर्यटकों का माला पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत भी किया गया। बता दें कि कूनो को वर्ष 2018 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला था और 17 सितंबर 2022 को यहां नामीबिया से चीते लाए जाने के बाद इसे भारत में चीतों को पहला घर होने का गौरव हासिल हो गया।
कूनो के खुले जंगल में आशा, ज्वाला, गामिनी चीता जहां अपने शावकों के साथ घूम रही हैं, वहीं अग्नि व वायु नर चीता यहां लंबे समय से विचरण कर रहे हैं। बाड़े में बंद आठ चीतों को भी जंगल में जल्द ही छोड़ा जा सकता है।
चीता प्रोजेक्ट के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि पार्क में मौजूद कुल 24 चीतों में से 16 खुले जंगल में हैं, जिनके इलाके में जाकर देखे जाने पर अब पर्यटकों को कोई रोक नहीं है। कोर एरिया भी पर्यटकों के लिए खुला है।
एक पर्यटक आदर्श गुप्ता ने बताया कि पार्क खुला तो सबसे पहले दोस्तों को लेकर पहुंच गया, हालांकि चीते नहीं दिखाई दिए। चीतों को देखने को लेकर उत्साहित हूं, दोबारा आएंगे और कोर एरिया तक जाएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।