मध्य प्रदेश में बच्चों ने जिस कोल्ड्रिफ कफ सीरप का सेवन किया, उसमें डीईजी की मात्रा 42% मिली
मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सीरप के तीन और सैंपल अमानक पाए गए हैं। इनमें डायथिलीनग्लाइकाल (डीईजी) की मात्रा 42 प्रतिशत पाई गई है, जबकि निर्धारित मानक ...और पढ़ें

मध्य प्रदेश में बच्चों ने जिस कोल्ड्रिफ कफ सीरप का सेवन किया, उसमें डीईजी की मात्रा 42% मिली
जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सीरप के तीन और सैंपल अमानक पाए गए हैं। इनमें डायथिलीन ग्लाइकाल (डीईजी) की मात्रा 42 प्रतिशत पाई गई है, जबकि निर्धारित मानक के अनुसार किसी भी कफ सीरप में डीईजी की मात्रा 0.1 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। ये तीनों उन बाटल के सैंपल हैं, जो बच्चों द्वारा पीने के बाद बच गए थे।
इनके सैंपल की जांच मध्य प्रदेश में विषाक्त कफ सीरप से 24 बच्चों की मौत के मामले की जांच कर रही एसआइटी ने राज्य औषधि लैब से कराई है। इससे साफ है कि बच्चों की मौत अधिक डीईजी मिश्रित कोल्डि्रफ कप सीरप पीने से ही हुई।
दरअसल, अधिक मात्रा में डीईजी का सेवन किडनी फेल कर देता है।बता दें कि इसके पहले तमिलनाडु औषधि प्रशासन की जांच में कोल्ड्रिफ सीरप में डीईजी की मात्रा 48.6 प्रतिशत और मध्य प्रदेश औषधि प्रशासन विभाग की जांच में 46.2 प्रतिशत मिली थी।
दरअसल, कोल्ड्रिफ सीरप बनाने वाली श्रीसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी का मालिक जी. रंगनाथन दावा कर रहा था कि दूसरे राज्यों में उसी बैच के सीरप भेजे थे, पर कहीं से शिकायत नहीं आई। इस कारण एसआइटी ने खुले कफ सीरप की भी जांच कराई है, जिससे साबित हो सके बच्चों की मौत कोल्डि्रफ से ही हुई थी।
उल्लेखनीय है कि कोल्ड्रिफ कफ सीरप बैच नंबर एसआर-13 के अतिरिक्त, खांसी का ही सीरप रिलाइफ बैच नंबर एलएसएल 25160 और रेस्पीफ्रेस टीआर-आर 01जीएल 2523 भी अमानक मिला था। इनमें डीईजी की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक थी।

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