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    अमेरिका से मिले तीन और अपाचे हेलीकॉप्टर, जोधपुर स्क्वाड्रन में होंगे तैनात

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 11:30 PM (IST)

    भारतीय सेना को अमेरिका से तीन और अपाचे हेलीकॉप्टर मिले हैं, जिन्हें जोधपुर स्थित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा। इससे पश्चिमी सीमा प ...और पढ़ें

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    अमेरिका से मिले तीन और अपाचे हेलीकॉप्टर। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सेना को अमेरिका से अपने तीन बचे हुए अपाचे हेलीकॉप्टर मिल गए हैं। इन्हें जल्द ही जोधपुर स्थित सेना के 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा। पश्चिमी सीमा पर भारत की युद्धक क्षमता में इससे बढ़ोतरी होगी। भारत ने सेना के लिए बोइंग कंपनी से कुल छह हेलीकॉप्टर खरीदे हैं।

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    पाकिस्तानी सीमा के निकट तैनात होने वाले इन हेलीकॉप्टरों को खास तौर पर रेगिस्तानी लड़ाई के लिए तैयार किया गया है। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने भारतीय सेना को एएच-64ई अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टरों का अंतिम बैच मिलने का स्वागत किया और इसे भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के तहत की गई प्रतिबद्धताओं की पूर्ति बताया।

    कहा कि यह उपलब्धि अमेरिका-भारत की विश्वसनीय और बढ़ती रक्षा साझेदारी को दर्शाती है। भारतीय वायु सेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों का बेड़ा है, जो चीन सीमा के निकट लद्दाख में और पश्चिमी क्षेत्रों में तैनात है। भारतीय सेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी में देरी हुई है। इसका पहला बैच फरवरी या मार्च के आसपास पहुंचने की उम्मीद थी। हालांकि, पहला हेलीकॉप्टर जुलाई में ही मिल सका।

    हमलावर हेलीकॉप्टर क्षेत्र में सेना लगातार अपनी मारक क्षमता बढ़ा रही है। यह 90 स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड को भी अपने स्क्वाड्रन में शामिल करने जा रही है। सेना विमानन कोर उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर रुद्र का भी संचालन करता है, जो निगरानी, टोही क्षमताओं और हथियार प्रणाली से लैस है। विमानन कोर की स्थापना दिवस पर एक बयान में सेना ने कहा था कि इन हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से सेना विमानन कोर की आक्रमण और टोही क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

    हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन 'ओस्प्रे' नौसेना में शामिल

    पीटीआई के अनुसार, गोवा स्थित आइएनएस हंसा नौसैनिक अड्डे पर एमएच-60आर (रोमियो) पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टरों का दूसरा स्क्वाड्रन-आइएनएएस 335 'ओस्प्रे' बुधवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी की उपस्थिति में स्क्वाड्रन को नौसेना में शामिल किया गया। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना आवश्यक है।

    भारत-अमेरिका अपाचे डील का इतिहास

    भारत-अमेरिका अपाचे डील का इतिहास 2015 में भारतीय वायुसेना के लिए 22 हेलीकॉप्टर खरीदने से शुरू हुआ। इसके बाद 2020 में भारतीय सेना के लिए छह हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा हुआ। इसके तहत इस साल जुलाई में तीन अपाचे हेलीकॉप्टर भारत को मिले थे। बाकी तीन हेलीकॉप्टर मंगलवार को पहुंचे। यह भारत की हवाई ताकत और दोनों देशों की रक्षा साझेदारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

    भारत को क्या रणनीतिक बढ़त मिलेगी

    यह हेलीकॉप्टर चुनौतीपूर्ण और ऊंचे इलाकों में सेना की परिचालन और हमला करने की क्षमताओं को कई गुना बढ़ाएगा। यह खरीद सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अभियान का उद्देश्य आधुनिक युद्ध के लिए भारतीय सेना को तैयार करना है।

    यह हेलीकॉप्टर शत्रु के ठिकानों, बंकरों और जटिल एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाने में बहुत प्रभावी है। इस खरीद का मुख्य उद्देश्य सेना की स्वतंत्र उड्डयन क्षमता को मजबूत करना है, ताकि युद्ध या किसी भी सामरिक चुनौती के दौरान उसे सीधे ग्राउंड आपरेशन के लिए हवाई सहायता मिल सके।

    यह है अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत-अपाचे हेलीकॉप्टर कई तरह के हथियार ले जा सकता है, जिनमें हवा से जमीन पर मार करने वाली हेलफायर मिसाइलें, 70 मिमी हाइड्रा रॉकेट और हवा से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइलें शामिल हैं। इसे हवा में उड़ने वाला टैंक कहा जाता है। इसमें 1200 राउंड वाली 30 मिमी चेन गन भी लगी है, जो इसकी हथियार उपप्रणाली का हिस्सा है।

    हेलीकॉप्टर में लांगबो फायर कंट्रोल रडार लगा है। अपाचे दुनिया का एकमात्र हमलावर हेलीकॉप्टर है, जिसमें 360 डिग्री कवरेज देने वाला फायर कंट्रोल रडार है। लक्ष्य निर्धारण और नाइट विजन आपरेशन के लिए नोजल सेंसर सूट भी लगा हुआ है।एएच-64ई अपाचे का सबसे उन्नत संस्करण है। इसे मल्टी-डोमेन ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया है।

    (समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)