Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिंद महासागर में पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है भारतीय नौसेना की चुनौती, चीन को साधना भी जरूरी

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2020 10:11 AM (IST)

    चीन लगातार न सिर्फ एशियाई देशों बल्कि दूसरे देशों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। ऐसे में नेवी के कमांडरों की कांफ्रेंस काफी अहम हो गई है।

    हिंद महासागर में पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है भारतीय नौसेना की चुनौती, चीन को साधना भी जरूरी

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। हिंद महासागर में इंडियन नेवी के सामने बीते कुछ समय में जिस तरह की चुनौतियां आई हैं, वो पहले कभी नहीं रही। नेवी को न सिर्फ इन चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को मजबूत करने की दरकार है, बल्कि इसके लिए पहले से ज्‍यादा तेजी से काम करने की भी जरूरत है। बीते कुछ वर्षों में चीन की आक्रामकता जिस तरह से पूरी दुनिया ने देखी है, उसको देखते हुए ये और भी जरूरी हो गया है। लद्दाख में चीनी सेना जिस तरह लगातार भारतीय सीमा में अतिक्रमण का प्रयास कर रही है, उससे खतरा बढ़ गया है। ऐसे में भविष्‍य में ड्रैगन की रणनीति क्‍या होगी, नेवी के कमांडर अपनी तीन दिवसीय कांफ्रेंस में इस पर जरूर चर्चा करेंगे। नेवी की ये कांफ्रेंस दो साल में एक बार होती है। इस बार की बैठक इसलिए भी काफी अहम है क्‍योंकि पाकिस्‍तान से चीन की सांठगांठ और ग्‍वादर में उसकी मौजूदगी भी भारत के लिए चिंता का सबब बनी हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारतीय नेवी के रिटायर्ड कमाडोर रंजीत बी राय के मुताबक इस कांफ्रेंस में कुछ खास सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। इनमें सबसे पहला सवाल भारतीय नेवी की क्षमता को लेकर है। दूसरा सवाल इसकी मजबूती को लेकर उठाए गए और भविष्‍य में उठाए जाने वाले कदमों को लेकर है। तीसरा सवाल इंडियन नेवी की जरूरतों को पूरा करने से जुड़ा है। चौथा सवाल चीन को रोकने के लिए अपनी तैयारी के साथ दूसरे देशों की मदद का है। राय मानते हैं कि अप्रैल से लद्दाख की गलवन वैली में चीन से जो तनाव शुरू हुआ है उसको देखते हुए भी ये जरूरी है कि हम समुद्र में भी अतिरिक्‍त सावधानी बरतें। वो ये भी मानते हैं कि गलवन वैली की घटना के बाद से आर्मी पर काफी दबाव है।

    मिलने वाले हैं रोटरी विंग ड्रोन और हेलीकॉप्‍टर 

    कमाडोर राय के मुताबिक भारत को जल्‍द ही नेवी के लिए रोटरी विंग ड्रोन (Rotary Wing Drone) मिलने वाले हैं। काफी समय से नेवी इसकी कमी महसूस कर रही है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने 24 मल्‍टीरोल हेलीकॉप्‍टर खरीद को मंजूरी दे दी है। ये सीकिंग हेलीकॉप्‍टर की जगह लेंगे। हर बार नेवी कमांडर की कांफ्रेंस में इनकी कमी का मुद्दा उठता रहा है। सरकार की तरफ से नेवी को 500 करोड़ रुपये दिए गए है, जिससे वो अपनी ताकत को बढ़ा सकेगी। बीच में जो अगस्‍ता वेस्‍टलैंड घोटाला (एडब्‍ल्‍यू स्‍केंडल) हुआ उसकी वजह से भी नेवी को काफी नुकसान उठाना पड़ा और नेवी कमी से जूझते हुए आगे काम करती रही। 

    प्रोजेक्‍ट 75 और प्रोजेक्‍ट 75I

    वर्ष 2014 में भारतीय नौसेना के लिए छह सबमरीन बनाने का प्रोजेक्‍ट 75 शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्‍ट के तहत दो सबमरीन जिनमें खंडेरी और कलवरी शामिल हैं, नौसेना को दी जा चुकी है जबकि एक अन्‍य वेला तैयार है। इसका ट्रायल होने वाला है। इसके अलावा तीन अन्‍य भी काफी हद तक तैयार हैं लेकिन इनमें अभी टारपीडो नहीं लगाए गए हैं। ये सभी मझगांव डॉकयार्ड में तैयार हो रही हैं। इसके अलावा प्रोजेक्‍ट 75I के तहत छह और सबमरीन बनाए जाने हैं। इसका खर्च करीब 30 हजार करोड़ का है। इसको लेकर पांच विदेशी कंपनियों की लिस्‍ट भी तैयार कर ली गई है। इनके डिजाइन भी डिफेंस मिनिस्‍ट्री की तरफ से एप्रूव कर लिए गए हैं। इनके पार्टनर के तौर पर लार्सन एंड टुर्बो और मझगांव में से किसी एक को फाइनल किया जाना बाकी है। कमाडोर राय के मुताबिक 2021 बाद भारत कोई भी कंवेंशनल सबमरीन की खरीद बाहर से नहीं करेगा। इसलिए इस कांट्रेक्‍ट को लेकर जल्‍दी सभी कार्यवाही पूरी करनी होंगी।

    अंडमान को मजबूत बनाने पर चर्चा

    इसके अलावा अंडमान निकोबार में इंडियन नेवी को मजबूत करने पर काफी समय से विचार किया जा रहा है। इस क्षेत्र में आने वाले माह में भारत अमेरिका जापान और आस्‍ट्रेलिया के साथ मिलकर एक बड़ी एक्‍सरसाइज को अंजाम दे सकता है। ये चीन के लिए एक संकेत भी होगा। इस कवायद का मकसद ये जानना है कि हम सभी मिलकर चीन के खिलाफ क्‍या कर सकते हैं और उसको कैसे रोक सकते हैं। आपको बता दें कि मालाबार एक्‍सरसाइज में भारत पहले ही जपान को शामिल कर चुका है। भारत की अपनी रणनीति के मुताबिक उसको अपनी रक्षा खुद करनी है इसलिए वो किसी भी एलाइंस के साथ नहीं जा सकता है। इसको पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री स्‍पष्‍ट रूप से कह चुके हैं। लेकिन भारत दूसरे देशों की नेवी से बेहतर तालमेल बिठाकर अन्‍य क्षेत्रों में आगे जरूर बढ़ सकता है। इसमें सबसे खास खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान करना है।

    comedy show banner
    comedy show banner