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जम्‍मू-कश्‍मीर और हिमाचल में भारी बर्फबारी, सात की मौत, महाराष्‍ट्र और गुजरात में बारिश का दौर

तूफान महा के बाद देश के तटवर्ती राज्‍यों पर अब तूफान बुलबुल का खतरा मंडराने लगा है। बंगाल की खाड़ी के मध्‍य भाग पर बना यह तूफान बुलबुल उत्‍तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 09:37 AM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 12:08 PM (IST)
जम्‍मू-कश्‍मीर और हिमाचल में भारी बर्फबारी, सात की मौत, महाराष्‍ट्र और गुजरात में बारिश का दौर
जम्‍मू-कश्‍मीर और हिमाचल में भारी बर्फबारी, सात की मौत, महाराष्‍ट्र और गुजरात में बारिश का दौर

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। चक्रवाती तूफान महा के बाद देश के तटवर्ती राज्‍यों पर अब तूफान बुलबुल का खतरा मंडराने लगा है। बंगाल की खाड़ी के मध्‍य भाग पर बना तूफान बुलबुल उत्‍तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। मौसम का हाल बताने वाली निजी एजेंसी स्‍काई मेट के मुताबिक, तूफान बुलबुल गंगीय पश्चिम बंगाल से टकरा सकता है। हालांकि, ओडिशा भी इसकी चपेट में आ सकता है। इस तूफान के कारण आज शाम से तटीय ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बारिश शुरू हो जाएगी। यही नहीं कोलकाता में भी भारी बारिश हो सकती है।

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पूर्वी उत्‍तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्‍तर भारत के उत्‍तरी राज्‍यों में भी बादल छाए रह सकते हैं। उधर तूफान महा गुजरात पर बना तो है, लेकिन यह काफी कमजोर हो गया है। हालांकि, इससे अगले 24 घंटों में सूरत, वलसाड समेत गुजरात के दक्षिणी भागों में मध्‍यम बारिश दर्ज की जा सकती है। गुजरात के कच्‍छ और पूर्वी भागों के साथ-साथ पश्चिमी मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र में भी हल्‍की बारिश हो सकती है। मुंबई, पुणे, गोवा और कोंकण समेत मध्‍य महाराष्‍ट्र के कुछ हिस्‍सों में भी बारिश की संभावना है।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, पालघर जिले में समुद्र किनारे बसे गांवों में भारी बारिश हुई। ठाणे में सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटों में 59.94 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। ठाणे और पालघर में जिला प्रशासन की ओर से चक्रवाती तूफान महा के मद्देनजर तैयारी बढ़ा दी थी। यह तूफान अब कमजोर हो गया है। पालघर जिला प्रशासन छह नवंबर से आठ नवंबर के बीच स्‍कूल-कॉलेजों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। 

वहीं, जम्‍मू-कश्‍मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी का दौर जारी है। बर्फ की सफेद चादर ने श्रीनगर समेत सभी पहाड़ी इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग आज दूसरे दिन भी बंद है। पुंछ को घाटी से जोड़ने वाले मुगल रोड और श्रीनगर को लेह से जोड़ने वाले जोजिला मार्ग पर बर्फबारी होने और सड़क पर फिसलन बढ़ने के कारण वाहनों को उतरने नहीं दिया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर 6000 हजार से अधिक वाहन रोके गए हैं। कश्मीर में बुधवार रात से जारी बर्फबारी के कारण अब तक सात लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में सेना के दो जवान, दो पोटर, बिजली विभाग का एक लाइनमैन और नागरिक शामिल है।

हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला के अधिकांश क्षेत्रों में गुरुवार से बारिश का क्रम जारी है। प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी से बागबानों को संजीवनी मिली है। भारी बर्फबारी के चलते 48 युवा गुलाबा की वादियों में फंस गए। बाद में इन्‍हें बचाने के लिए प्रशासन ने टैक्सी ऑपरेटरों की मदद से रेस्क्यू अभियान शुरू किया और समय पर सभी पर्यटकों को बचा लिया गया। वहीं, प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे दिल्‍ली एनसीआर समेत उत्तर भारत में पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी ने राहत दी है। बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में दिखा और पंजाब से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक हल्की बारिश दर्ज की गई। इससे प्रदूषण से तो राहत मिली, लेकिन ठंड भी बढ़ गई है।


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