Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'इसकी तो जांच होनी ही चाहिए', जब संसद में ओम बिरला ने हवाई किराये को लेकर मंत्री से की खास मांग

    By Agency Edited By: Babli Kumari
    Updated: Thu, 25 Jul 2024 03:50 PM (IST)

    लोकसभा के कुछ सदस्यों ने हवाई किराये के बढ़ने का मुद्दा उठाया। अध्यक्ष ओम बिरला ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से कहा कि वह इसकी जांच कराएं क्योंकि पैसा संसद से जाता है जो चिंता की बात है। इसपर मंत्री ने जवाब दिया कि ग्राहक ही राजा है हवाई यात्रा को किफायती बनाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।

    Hero Image
    लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ( फाइल फोटो )

    पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने गुरुवार को सांसदों द्वारा अचानक किराया वृद्धि के आरोपों की जांच कराने का वादा किया। सांसदों की शिकायतों और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के आग्रह के बाद यह बात कही गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न के जरिए यह मुद्दा उठाते हुए डीएमके सदस्य दयानिधि मारन ने आरोप लगाया कि जब भी वह चेन्नई-दिल्ली मार्ग के लिए एयर विस्तारा पर टिकट बुक करने की कोशिश करते हैं तो शुरुआत में कीमत 25,000 रुपये के आसपास दिखाई जाती है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि जब तक वह पूरी बुकिंग प्रक्रिया पूरी करते हैं, तब तक किराया दो से तीन गुना अधिक बढ़ जाता है।

    मामले की गहन जांच होनी चाहिए- ओम बिरला 

    डीएमके नेता ने आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या टाटा समूह की ही एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस द्वारा अपनाई गई किसी प्रौद्योगिकी के कारण हवाई किराये में वृद्धि हुई है। चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए बिरला ने कहा कि उन्हें कुछ अन्य सांसदों से भी ऐसी ही शिकायतें मिली हैं और मामले की गहन जांच होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि   'टिकटों का पैसा संसद से जाता है।' 

    'किराए के अधिक होने के आरोपों की करेंगे जांच'

    अध्यक्ष ओम बिरला के जांच की मांग पर मंत्री ने जवाब दिया कि हम मामले की जांच कराएंगे। मंत्री ने यह भी कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर छुट्टियों के मौसम में हवाई किराए के अधिक होने के आरोपों की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक ​​हवाई किराए के नियमन का सवाल है, सरकार भारतीय या विदेशी एयरलाइनों द्वारा निर्धारित किराए को नियंत्रित नहीं करती है। किसी भी मार्ग पर किराया मौसम, छुट्टियों और त्योहारों, विमानन टरबाइन ईंधन की लागत, प्रतिस्पर्धा और अन्य समान कारकों पर निर्भर करता है। 

    यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति भवन के 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' के नाम बदले, प्रियंका गांधी बोलीं-ये शहंशाह का कांसेप्ट