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    World Most Happiest Man: ये है दुनिया का सबसे खुश इंसान, साइंटिस्ट भी नहीं खोज पाए उदासी; जानिए उनके राज

    By Shashank MishraEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Mon, 12 Jun 2023 09:29 PM (IST)

    मैथ्यू खुश रहने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं। जो उन्हें खुश रखने में मदद करती हैं। मैथ्यू का जन्म फ्रांस में हुआ था। उनके खुशी के राज जानने के लिए 12 साल लंबा रिसर्च किया गया है। जिसके बाद उनके खुश रहने की वजह सामने आई है।

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    बौद्ध भिक्षु मैथ्यू रिकार्ड को दुनिया का सबसे प्रसन्न इंसान माना गया है।

    नई दिल्ली, शशांक शेखर मिश्रा। Matthieu Ricard। तनाव, चिंता और निराशा इंसान के जीवन का हिस्सा बन गई है। ऐसे में लोगों का उदास होना एक आम बात है लेकिन मैथ्यू रिकार्ड नाम के एक शख्स ने उदासी को मात देकर सिर्फ खुश रहना सीख लिया है। दुनिया का सबसे खुश आदमी कौन है? यदि आप इसे Google करते हैं, तो मैथ्यू रिकार्ड नाम सामने आता है।

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    मैथ्यू के ऊपर हुई लंबी रिसर्च

    मैथ्यू रिकार्ड, एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु हैं जिन्हें दुनिया का सबसे खुश आदमी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के एक न्यूरोसाइंटिस्ट रिचर्ड डेविडसन के नेतृत्व में ध्यान और करुणा पर 12 साल के मस्तिष्क अध्ययन में भाग लिया था।

    डेविडसन ने रिकार्ड के सिर को 256 सेंसर से जोड़ा और पाया कि जब रिकार्ड करुणा पर ध्यान कर रहे थे, तो उनका दिमाग असामान्य रूप से हल्का था। डेविडसन ने कहा, " स्कैन से पता चला कि ध्यान करते समय, रिकार्ड का मस्तिष्क गामा तरंगों पैदा करता है- जो चेतना, ध्यान, सीखने और स्मृति से जुड़ा हुआ है। यदि आप खुश रहना चाहते हैं, तो रिकार्ड कहते हैं कि आपको परोपकारी बनने का प्रयास करना चाहिए, जो न केवल आपको बेहतर महसूस कराएगा, बल्कि यह आपके जैसे अन्य लोगों को भी बेहतर बनाएगा।

    मैथ्यू रिकार्ड

    मैथ्यू रिकार्ड का जन्म 1946 में फ्रांस में हुआ था। आणविक आनुवंशिकी (Molecular Genetics) में अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद उन्होंने अपने सफल वैज्ञानिक करियर को पीछे छोड़ने और हिमालय में आध्यात्मिक खोज शुरू करने का फैसला किया। वे पिछली बार 1991 में दुखी हुए थे। तब से लेकर आज तक वे दुखी नहीं हुए हैं। यूनाइटेड नेशंस ने भी 2016 की अपनी हैप्पीनेस रिपोर्ट में उन्हें दुनिया का सबसे खुश शख्स घोषित किया था। अब खुशी उनकी जिंदगी का केवल हिस्सा भर नहीं, बल्कि आदत बन चुकी है।

    मैथ्यू रिकार्ड कहते है कि

    प्रसन्नता एक क्षणभंगुर भावना नहीं है बल्कि एक कौशल है। जिसे सीखा जा सकता है।

    मैथ्यू रिकार्ड की खुशी की खोज ने उन्हें कुछ सबसे प्रतिष्ठित बौद्ध आचार्यों के अधीन अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया, जिसमें उनके आध्यात्मिक गुरु, दिलगो खेंत्से रिनपोछे भी शामिल थे। रिकार्ड ने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बिकने वाली "हैप्पीनेस: ए गाइड टू डेवलपिंग लाइफ्स मोस्ट इम्पोर्टेन्ट स्किल" शामिल है, जिसका 20 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है।

    अपने प्रभावशाली भाषणों और लेखन के अलावा, रिकार्ड ने खुद को विभिन्न मानवीय अभियानों के लिए समर्पित किया है। वह एक गैर-लाभकारी संगठन करुणा-शेचेन के संस्थापक हैं, जो हिमालयी क्षेत्र में वंचित समुदायों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है। इस संगठन के माध्यम से, रिकार्ड ने अनगिनत व्यक्तियों के जीवन को छुआ है, उन्हें बेहतर भविष्य का अवसर प्रदान किया है।

    प्रसन्नता एक कौशल है: मैथ्यू रिकार्ड

    दुनिया के सबसे खुश व्यक्ति के खिताब के बावजूद, मैथ्यू रिकार्ड विनम्र और जमीन से जुड़े हुए हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि प्रसन्नता एक कौशल है जिसे हमारे चित्त को प्रशिक्षित करके और अपने लिए और दूसरों के लिए करुणा विकसित करके विकसित किया जा सकता है। आनंद फैलाने के लिए रिकार्ड की अटूट प्रतिबद्धता जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती है, हमें याद दिलाती है कि खुशी हमारी पहुंच के भीतर है।