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घबराएं नहीं, बंद नहीं होगा आपका इंटरनेट; लेकिन ख़बर आने की वजह जरूर जान लें

अधिकारियों का कहना है कि इंटरनेट बंद होने की ख़बरों का भारत से कोई लेना देना नहीं है, भारत में इसका कोई असर नहीं होने वाला है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 07:26 AM (IST)
घबराएं नहीं, बंद नहीं होगा आपका इंटरनेट; लेकिन ख़बर आने की वजह जरूर जान लें
घबराएं नहीं, बंद नहीं होगा आपका इंटरनेट; लेकिन ख़बर आने की वजह जरूर जान लें

नई दिल्ली [जेएनएन]। इंटरनेट बंद होने की ख़बरों के बीच सरकार ने दावा किया है कि जनता को घबराने की कतई जरूरत नहीं क्योंकि भारत में किसी का इंटरनेट बंद नहीं होने जा रहा। साइबर सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इंटरनेट बंद होने की ख़बरों का भारत से कोई लेना देना नहीं है, भारत में इसका कोई असर नहीं होने वाला है। गौरतलब है कि रूस के मीडिया हाउस से इंटरनेट के बंद होने की ख़बर आई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, दी इंटरनेट कॉर्पोरेशन ऑफ असाइंड नेम्स एंड नंबर्स यानी आइसीएएनएन नॉन प्रॉफिट प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन डोमेन नेम की रजिस्ट्री और आइपी एड्रेस मुहैया करती है। यही संस्था अपनी क्रिप्टोग्राफिक की में जरूरी बदलाव करने जा रही है। जिसकी वजह से दुनियाभर के इंटरनेट उपभोक्ताओं को अगले 48 घंटे के अंदर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि मुख्य डोमेन सर्वर और वेब को कंट्रोल करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को कुछ समय के लिए बंद किया जाएगा। 
Internet Shutdown

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जिसके बाद ये ख़बर जंगल की आग की तरह दुनियाभर में फैल गई कि इंटरनेट बंद हो जाएगा और लोगों को रोजमर्रा के कामों यहां तक कि बैंकिंग के कामों में भी दिक्कत पेश आने वाली है। भारत के साइबर अधिकारियों का कहना है भारत में इंटरनेट बंद नहीं होगा। मेंटेनेंस का काम का भारत पर असर न के बराबर रहेगा। उधर, ICANN ने भी इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि क्रिप्टोग्राफिक की में बदलाव एक दिन पहले से ही चल रहा है और अब तक इंटरनेट सेवाओं पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है। 

क्यों बदली जा रही है क्रिप्टोग्राफिक की?
आइसीएएनएन के मुताबिक, बढ़ते साइबर हमलों को देखते हुए क्रिप्टोग्राफिक की में बदलाव किया जा रहा है। क्रिप्टोग्राफिक की डोमेन नेम सिस्टम (डीएनएस) की सुरक्षा करने में मदद करती है। इसे इंटरनेट एड्रेस भी कहा जाता है। हालांकि, आइसीएएनएन ने पहले भी कुछ टेस्ट किए हैं, ताकि कम-से-कम दिक्कत में रिप्लेसमेंट का काम हो जाए। डिजिटल इकॉनॉमिक्स के विशेषज्ञ आर्सने श्लेस्टियन ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि डरने की जरूरत नहीं है। मुख्य सॉफ्टवेयर को पहले ही अपडेट कर लिया गया है। इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं होगा।


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