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    राष्ट्रीय तितली के चयन के लिए होगा आनलाइन मतदान, जानिए इन तितलियों की खूबी

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Tue, 06 Oct 2020 07:35 PM (IST)

    लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय तितली चुनने की प्रक्रिया शुरू की गई। तितली विशेषज्ञों की टीम ने आंतरिक मतदान से सात तितलियों का चयन किया है। अब सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली तितली को राष्ट्रीय तितली घोषित किया जाएगा।

    राष्ट्रीय तितली चयन के लिए ऑनलाइन मतदान (फाइल फोटो)।

    देवेंद्र गुप्ता, कोरबा। राष्ट्रीय तितली चयन के लिए चल रहा ऑनलाइन मतदान गुरुवार को संपन्न हो जाएगा। देश की डेढ़ दर्जन प्रजाति की तितलियों में सात प्रजातियों का अंतिम दौर के लिए चयन हुआ है। इनमें चार प्रजातियां छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में पाई जाती हैं। 

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    लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय तितली चुनने की प्रक्रिया शुरू की गई। तितली विशेषज्ञों की टीम ने आंतरिक मतदान से सात तितलियों का चयन किया है। अब सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली तितली को राष्ट्रीय तितली घोषित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई के सचिव प्रो. दिनेश दीक्षित ने बताया कि चयनित सात तितलियों में चार तितलियां छत्तीसगढ़ के जंगल में पाई जाती हैं। इनमें इंडियन नवाब (कामन नवाब), कामन जेजबेल, कृष्णा पीकाक कोरबा के जंगल में हैं व कबीरधाम जिले के भोरमदेव अभयारण्य में आरेंज ओकलीफ शामिल है।

    उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की तितलियां तो उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में पाई जाने वाली तितलियों के साथ ही दक्षिण के केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र की तितलियां भी राष्ट्रीय तितली बनने की दौड़ में हैं।

    पर्यावरण के लिए आवश्यक

    राष्ट्रीय तितली विशेषज्ञों ने रंग-रूप, आकार और अन्य गुणों के आधार पर मतदान के बाद सात तितलियों का चयन किया गया है। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की राज्य संयुक्त सचिव प्रो.निधि सिंह ने बताया कि तितलियां पर्यावरण के लिए आवश्यक हैं, यह फूड जोन बनाती हैं। जिस क्षेत्र में तितलियों की संख्या कम है तो यह समझ जाना चाहिए कि जल्द ही वह इंसानों के लिए भी रुहने लायक नहीं रह जाएगा। 

    जानें तितली की खूबी और प्राकृतिक आवास

    01 कृष्णा पीकाक - इसका आकार बड़ा होता है, जो सामान्य तितलियों से अलग है। - उत्तर-पूर्वी हिस्सों व हिमालय में संख्या ज्यादा है।

    02 कामन जेजबेल - इसके पंखों की ऊपरी सतह सफेद और निचली सतह पीली होती है। इन पर काली मोटी धारियां व किनारों पर नारंगी छोटे धब्बे होते हैं। - छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा

    03 आरेंज ओकलीफ - पंख के शीर्ष पर नारंगी पट्टा व गहरा नीला रंग होता है। दो सफेद बिंदु होते हैं। पंख खुलते ही रंगीन छटा बिखेरती है। -वेस्टर्न घाट औरु उत्तर पूर्व के जंगल में पाई जाती है।

    04 फाइव बार स्वार्ड - टेल पंखों का आकर 75 से 90 एमएम तक होता है। पीछे के पंखों पर एक लंबी सीधी काली तलवार जैसी मूंछ इसकी पहचान है। - उत्तर-पूर्व

    05 कामन नवाब- तेजी से उड़ सकती है। पेड़ के ऊपरी हिस्सों में पाई जाती है, इसलिए कम ही दिखाई देती है। ऊपरी पंख काले और नीचे के चाकलेटी रंग होता है। -छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा

    06 यलो गोर्गन- यह मध्यम आकार की सुंदर तितलियों में एक है। इसके कोण बनाते अनूठे पंख ही इसकी खासियत है। इसके पंखों की अंदर वाली सतह परु गहरा पीला रंग होता है। - पूर्वी हिमालय व उत्तरु-पूर्वी भारत में पाई जाती है।

    07 नार्दन जंगल क्वीन- हल्की नीली धारियां इसे सुंदर बनाती है। पंखों पर चाकलेटी गोल घेरे सुंदरता पर चार-चांद लगाते हैं। - अरुणाचल प्रदेश में पाई जाती है।