'बजट में कोई पक्षपात नहीं किया गया', विरोधी पार्टी के किन-किन आरोपों पर सीतारमण ने दिया करारा जवाब?
वित्त मंत्री सीतारमण ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान अपने भाषण में विरोधी पार्टियों आरोपों को नकारते हुए कहा कि बजट में किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया गया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट बंगाल विरोधी नहीं है। उन्होंने विरोधी पार्टी वाले राज्यों के आरोपों को सिरे से नकार दिया और पंजाब केरल तेलंगाना कर्नाटक जैसे राज्यों को भी केंद्रीय मदद का हवाला दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बजट पर लोक सभा में अपने जवाब के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विरोधी पार्टी वाले राज्यों को उनके आरोपों का करारा जवाब दिया। इन राज्यों के सांसदों ने बजट में पक्षपात करने का आरोप लगाया था। पश्चिम बंगाल की तरफ से वित्तीय मदद रोकने के आरोपों के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि यह बंगाल विरोधी बजट नहीं है बल्कि टीएमसी तृणमूल विरोधी हो गई है।
उन्होंने सदन में बताया कि तृणमूल का मतलब जमीनी (ग्रासरूट) होता है और टीएमसी पीएम आवास योजना, मनरेगा, मिड-डे मील, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं में लूट-खसोट कर रही है। पश्चिम बंगाल मैन्यूफैक्चरिंग में लगातार पिछड़ता जा रहा है। वर्ष 1947 में पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी मैन्यूफैक्चरिंग में 24 प्रतिशत थी, जो गिरकर 3.5 प्रतिशत रह गई है।
बंगाल में राष्ट्रीय आय से कम हो गई प्रति व्यक्ति आय
पश्चिम बंगाल की प्रति व्यक्ति आय प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय से कम हो गई है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में 25 लाख फर्जी नौकरी कार्ड बनाकर टीएमसी के कैडर ने लूट-खसोट किया। टीएमसी की सरकार ने राज्य में आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं होने दिया।विरोधी राज्यों के सांसदों की तरफ से बजट में पक्षपात के आरोप को आड़े हाथों लेते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब को सड़क की तीन परियोजनाओं के लिए 20,000 करोड़ से अधिक दिए गए।
विपक्षी पार्टियों की बातों में कोई दम नहीं: सीतारमण
उन्होंने केरल, कर्नाटक, झारखंड व हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को भी केंद्रीय आवंटन का हवाला दिया। हिमाचल को बाढ़ के दौरान पिछले साल जुलाई के बजट में मदद की घोषणा की गई। सीतारमण ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने विभिन्न सामाजिक विकास के मदों में कम आवंटन की बात कही है जो सही नहीं है।
राज्यों ने खर्च ही नहीं की आवंटित राशि
उल्टा समग्र शिक्षा, मिड-डे मिल, स्वच्छ भारत अभियान, जल-जीवन मिशन जैसी स्कीम के तहत राज्यों को जो आवंटन दिए गए, उसे राज्यों ने खर्च नहीं किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 2900 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12,300 करोड़, समग्र शिक्षा के तहत 11,000 करोड़ आवंटित रुपए राज्यों ने खर्च नहीं किए।
डॉलर के मुकाबले क्यों गिर रहा रुपया, सीतारमण ने क्या बताया?
रुपए में हो रही गिरावट को लेकर उठाए गए सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि विदेशी मुद्रा की एक्सचेंज दर के वास्तविक असर को देखने से पता चलता है कि रुपये में खास गिरावट नहीं हुई है। दक्षिण कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान, यूरोप की करेंसी में डॉलर के मुकाबले पिछले साल अक्टूबर से इस साल जनवरी के बीच 5-8 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
'रुपया नहीं गिर रहा, डॉलर मजबूत हो रहा'
उन्होंने हाल ही में पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के बयान का हवाला देते हुए कहा कि रुपया नहीं गिर रहा है, डॉलर मजबूत हो रहा है। डॉलर की मजबूती के लिए डॉलर इंडेक्स, कच्चे तेल की कीमत जैसे कई कारक जिम्मेदार होते हैं। महंगाई में बढ़ोतरी पर सीतारमण ने कहा कि बजट में उत्पादकता बढ़ाने और सप्लाई चेन को मजबूत करने के उपाय किए गए हैं।
दाल, सब्जी-फल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए घोषणाएं की गई है और सरकार पहले से ही महंगाई कम करने के लिए चावल, दाल, प्याज, आटा जैसे खाद्य आइटम को सस्ते दाम पर बेच रही है। आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में आरबीआइ ने खुदरा महंगाई दर 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
बढ़ रही बेरोजगारी पर क्या बोलीं वित्त मंत्री?
बेरोजगारी के बढ़ने के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि बेरोजगारी दर भी कम हो रही है और श्रमिकों की सहभागिता की दर भी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि 2017-18 में बेरोजगारी दर छह प्रतिशत थी जो वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई। 2017-18 में श्रमिकों की सहभागिता दर 49.8 प्रतिशत से 2023-24 में बढ़कर 60 प्रतिशत तक पहुंच गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।