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    हिमाचल में हाहाकार... तीन जगह फटे बादल, आठ पुल बहे; तीन पंचायतों से कटा संपर्क

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 03:05 AM (IST)

    हिमाचल के लाहुल-स्पीति व कुल्लू जिले में तीन स्थानों पर बादल फटने से भारी क्षति हुई है। बुधवार शाम को कुल्लू जिले के श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से दोगुड़ा पुल बह गया और बागीपुल बाजार को खाली करवाना पड़ा।शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की फांचा पंचायत की नंती खड्ड में बाढ़ आने से चार पुल दो मकान पांच दुकानें दो शेड सेब के बगीचे व जमीन बह गई।

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    हिमाचल में तीन जगह फटे बादल, आठ पुल बहे (फाइल फोटो)

     जागरण टीम, धर्मशाला। हिमाचल के लाहुल-स्पीति व कुल्लू जिले में तीन स्थानों पर बादल फटने से भारी क्षति हुई है। बुधवार शाम को कुल्लू जिले के श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से दोगुड़ा पुल बह गया और बागीपुल बाजार को खाली करवाना पड़ा।

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    चार पुल, दो मकान, पांच दुकानें, दो शेड बहे

    शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की फांचा पंचायत की नंती खड्ड में बाढ़ आने से चार पुल, दो मकान, पांच दुकानें, दो शेड, सेब के बगीचे व जमीन बह गई। सात मकानों, पांच दुकानों, सात शेड व बिजली के छोटे प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है।

    कुल्लू जिले के बंजार उपमंडल के बठाहड़ की तीर्थन नदी में बादल फटने से आई बाढ़ से चार काटेज और तीन से चार वाहन बह गए। इसके बाद भीमड़वारी से बागीपुल तक के क्षेत्र को खाली करवाया गया।

    कुछ घरों को भी नुकसान हुआ

    लाहुल-स्पीति जिले की मयाड़ घाटी में मंगलवार शाम बादल फटने से तीन पुल बहे हैं। कुछ घरों को भी नुकसान हुआ है। करपट, चांगुट व उडगोस नालों पर बने पुल बह गए हैं और मयाड़ नाले पर बना पुल डूब गया है।

    होजो नाले में आई बाढ़, सतलुज में बनी झील

    किन्नौर में भारी वर्षा के बाद पूह के होजो नाले में बाढ़ आने से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के लिए सड़क बना रही कंपनी का पूरा परिसर जलमग्न हो गया और कर्मचारियों ने भाग कर जान बचाई। होजो नाले के मलबे और पानी ने सतलुज नदी का बहाव रोक दिया है।

    इससे यहां पर नदी में झील बन गई है। इस झील का पानी किन्नौर व शिमला जिले के निचले क्षेत्रों के लिए बड़ा खतरा बन गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर रामपुर बाजार को खाली करने के आदेश जारी किए हैं।

    मानसून में 2031 करोड़ रुपये की क्षति, 241 की मौत

    राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 20 जून को मानसून के आगमन के बाद अब तक 2031 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। हिमाचल प्रदेश में इस अवधि में 241 लोगों की जान गई। इनमें 126 की मौत बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने, डूबने, बिजली गिरने, सर्पदंश, करंट लगने और पेड़ या पहाड़ी से गिरने के कारण हुई है। 115 लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हुई है।