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    Lord Shiva Statue: राजस्थान के नाथद्वारा में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम्’ पर एक नजर..

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Pokhriyal
    Updated: Sun, 30 Oct 2022 10:51 AM (IST)

    Lord Shiva Statue पहले 251 फीट ऊंची शिव प्रतिमा बनाना तय किया गया था लेकिन बाद में इसकी ऊंचाई 351 फीट करने का निर्णय लिया गया। इतनी ऊंचाई पर तैयार होने के बाद गंगा की जलधारा लगाने के विचार को प्रारूप देने से इसका आकार 369 फीट तक पहुंच गया।

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    Lord Shiva Statue: राजस्थान के नाथद्वारा में गणेश टेकरी पहाड़ी पर निर्मित विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम्’l

    नई दिल्‍ली, जेएनएन। Lord Shiva Statue: नाथद्वारा की गणेश टेकरी पहाड़ी पर बनी विश्व की सबसे ऊंची महादेव की प्रतिमा अद्भुत है। शिव ध्यान मुद्रा में जैसे यहां विराजमान हैं, उस रूप में उनके कहीं और दर्शन मुश्किल ही हैं। मूलरूप से राजस्थान के पिलानी के रहने वाले मूर्तिकार नरेश कुमार ने भगवान शिव की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति मानेसर में तैयार की है। मूर्तिकार का दावा है कि मूर्ति इतनी मजबूत है कि ढाई हजार साल तक इसी तरह खड़ी रहेगी।

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    मस्तक के पास लगे पानी के टैंक से होगा जलाभिषेक

    मूर्ति के सामने आधुनिक लेजर लाइटें लगाई गई हैं। जो रात के समय आसमान में इसका प्रतिबिंब बनाएंगी। इस मूर्ति को मिराज ग्रुप ने तैयार कराया है। इसमें ऊपर तक जाने के िलए चार लिफ्ट और एलिवेटर लगाए गए हैं। इनके माध्यम से भगवान शिव के कंधे के नजदीक लगे त्रिशूल के दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही ऊपर जलाभिषेक की व्यवस्था भी होगी। मूर्ति के सिर में पानी के दो बड़े टैंक बनाए गए हैं। इनमें एक टैंक का इस्तेमाल भगवान शिव की जटाओं से गंगा जल निकालने के लिए किया जाएगा और दूसरे टैंक के पानी को आपातकाल के लिए रखा जाएगा। इस मूर्ति को मानेसर स्थित नरेश कुमार के प्लांट में तैयार किया गया है।

    ऐसे बढ़ता गया आकार

    पहले 251 फीट ऊंची शिव प्रतिमा बनाना तय किया गया था, लेकिन बाद में इसकी ऊंचाई 351 फीट करने का निर्णय लिया गया। इतनी ऊंचाई पर तैयार होने के बाद गंगा की जलधारा लगाने के विचार को प्रारूप देने से इसका आकार 369 फीट तक पहुंच गया।

    स्टैच्यू आफ बिलीफ (विश्वास स्वरूपम्)

    • 369 फीट की देश की सबसे ऊंची प्रतिमा है
    • 30,000 टन धातु (पंचधातु) का प्रयोग किया गया
    • 90 इंजीनियरों और 900 कारीगरों की मदद से तैयार हुई
    • 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आ जाती है प्रतिमा प्रांगण से
    • 25 फीट ऊंचे और 37 फीट चौड़े नंदी भी हैं प्रतिमा के ठीक सामने
    • 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए भगवान शिव की इस मूर्ति को तैयार करने में
    • 10 साल पहले संत मोरारी बापू ने रखी थी नींव। दो साल कोराना काल में निर्माण रुका रहा
    • 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली आंधी और ओलों का भी कोई असर नहीं होगा। (आस्ट्रेलिया की लैब में इसका परीक्षण भी हुआ है)

    इनका इस्तेमाल किया

    • 2,600 टन स्टील
    • 2,601 टन लोहा
    • 26,618 क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट
    • 30x25 मीटर का है प्रतिमा का आधार
    • 10फीट का हिस्सा जमीन के अंदर है
    • 250 वर्षतक किसी तरह के रखरखाव की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि कोर वाल तकनीक से तैयार की गई है

    दर्शकों के लिए

    • 60 लोग एक बार में अंदर जा सकेंगे
    • 700 लोगों की एक दिन में हो सकेगी एंट्री
    • 10-10 लोगों का बैच प्रतिमा के अलग-अलग स्थानों पर दर्शन करेगा

    इनपुट: गोविन्द फलस्वाल