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    कोटा में होगा विश्व के सबसे ऊंचे रावण का दहन, 44 लाख के बने पुतले का साढ़े 13 हजार किलो है वजन

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 07:09 AM (IST)

    राजस्थान के कोटा में इस वर्ष दशहरे पर विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। करीब चार महीने की मेहनत के बाद अंबाला के करीगर तेजेंद्र चौहान ने 221 फीट का रावण तैयार किया है। इसका वजन साढ़े 13 हजार किलो है। विश्व के सबसे ऊंचे रावण को बनाने में करीब 44 लाख रुपये की लागत आई है।

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    कोटा में होगा विश्व के सबसे ऊंचे रावण का दहन (फोटो- एक्स)

     जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के कोटा में इस वर्ष दशहरे पर विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। करीब चार महीने की मेहनत के बाद अंबाला के करीगर तेजेंद्र चौहान ने 221 फीट का रावण तैयार किया है। इसका वजन साढ़े 13 हजार किलो है।

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    बनाने में करीब 44 लाख रुपये की लागत आई है

    विश्व के सबसे ऊंचे रावण को बनाने में करीब 44 लाख रुपये की लागत आई है। बता दें कि अब तक दिल्ली के पास 210 फीट ऊंचे रावण दहन का रिकॉर्ड है। सोमवार रात रावण का पुतला कोटा के दशहरा मैदान लाया गया।

     दिल्ली से चार अलग-अलग टीमें कोटा पहुंची

    दशहरा मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि पुतले को लेकर कोटा का नाम एशिया बुक आफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड एवं इंडिया बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा। दिल्ली से चार अलग-अलग टीमें कोटा पहुंची हैं, जिनमें एशिया रिकॉर्ड एवं इंडिया बुक के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

    उन्होंने रावण के पुतले की ऊंचाई मापने के साथ अन्य तथ्य भी देखे हैं। उन्होंने बताया कि पुतले को दो क्रेनों की मदद से दशहरा मैदान में खड़ा किया गया। सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं।

    पुतला का चेहरा 25 फीट का है

    पुतला बनाने वाले कारीगर तेजेंद्र चौहान ने बताया कि इसका चेहरा 25 फीट का है और फाइबर ग्लास से बना हुआ है। रावण के सिर पर 58 फीट का मुकुट है, जिसमें रंग-बिरंगी लाइट लगाई गई है। इसमें तलवार 50 फीट लंबी और जूतियां 40 फीट की हैं। पुतले में 25 रिमोट कंट्रोल प्वाइंट लगाए गए हैं, जिनसे आतिशबाजी होगी।

    मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले 60-60 फीट ऊंचे बनाए गए हैं

    इसके साथ ही मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले 60-60 फीट ऊंचे बनाए गए हैं। तीनों पुतलों में ग्रीन पटाखे लगाए गए हैं। रावण के पुतले में 15 हजार, मेघनाथ एवं कुंभकरण के पुतलों में चार-चार हजार ग्रीन पटाखे लगाए गए हैं।