One Nation One Election पर बनी समिति का कार्यकाल बढ़ा, 2029 तक एक साथ चुनाव कराने पर सरकार का जोर
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा सांसद एवं पूर्व विधि राज्यमंत्री पीपी चौधरी के नेतृत्व में 39 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसके तहत देशभर में वर्ष 2029 तक एक साथ चुनाव कराने का रास्ता तैयार करने का सरकार का लक्ष्य है। सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनावों को साथ-साथ कराने पर विचार करने के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति के कार्यकाल को विस्तार दे दिया गया है। अब संबंधित विधेयक पर समिति अपना प्रतिवेदन मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह तक सौंप सकती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा सांसद एवं पूर्व विधि राज्यमंत्री पीपी चौधरी के नेतृत्व में 39 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसके तहत देशभर में वर्ष 2029 तक एक साथ चुनाव कराने का रास्ता तैयार करने का सरकार का लक्ष्य है। सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।
लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के बाद संबंधित प्रस्ताव को पीपी चौधरी ने रखा, जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया।
समिति को एक देश-एक चुनाव से जुड़े दो विधेयकों 'संविधान (129वां संशोधन)' एवं 'संघ-राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन)' पर विचार करना है। इनमें पहला संविधान संशोधन विधेयक है तथा दूसरा संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक है।
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने तैयार किया है रिपोर्ट
इनका मकसद चुनावी प्रक्रिया में समय और संसाधनों की बर्बादी से बचाव करना है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर समिति ने इन दोनों प्रस्तावों को तैयार किया है। को¨वद समिति ने भी अपने प्रतिविदेन में एक राष्ट्र-एक चुनाव के सिद्धांत का समर्थन किया है।
विधेयक के पारित होने पर चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलाव हो सकते हैं। आजादी के बाद 1951 से 1967 तक लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ ही कराए जाते थे, लेकिन उसके बाद इसमें विचलन हो गया, जो अभी तक चला आ रहा है।
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