राष्ट्रपति ने PM Modi द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किए जाने का किया स्वागत, कहा- 'देश के लिए गर्व की बात'
New Parliament House राष्ट्रपति ने अपने संदेश में नए संसद भवन को देश के लिए मार्गदर्शक करार देते हुए कहा कि यह देश को नई दिशा देगा और हमारी लोकतांत्रिक यात्रा में मील का महत्वपूर्ण पत्थर साबित होगा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विपक्ष के बहिष्कार के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व एवं अपार हर्ष की बात है। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन देश के इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा। उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने भी इसे देश के विकास का साक्षी करार दिया। राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति के संदेश को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने पढ़ा।
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में नए संसद भवन को देश के लिए मार्गदर्शक करार देते हुए कहा कि यह देश को नई दिशा देगा और हमारी लोकतांत्रिक यात्रा में मील का महत्वपूर्ण पत्थर साबित होगा है। यह भवन देश के कोने-कोने के भिन्न-भिन्न श्रेष्ठ विचारों को प्रतिबिंबित करेगा।
नया संसद भवन आगे भी हमारे विकास का साक्षी रहेगा
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन के मौके के बारे में राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारी विविधता को भारतभूमि के सबसे उत्तरी छोर से दक्षिण तक, पूर्वी सीमा से पश्चिमी तटरेखा तक रहने वाले सभी देशवासियों के लिए अत्यंत गौरव एवं अतुलनीय आनंद का अवसर है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की विकास यात्रा की ऐतिहासिक घड़ी में बना नया संसद भवन आगे भी हमारे विकास का साक्षी रहेगा। आत्मनिर्भर भारत बनाने से लेकर जनता की जरूरतों की पूर्ति एवं समग्र गरीबी उन्मूलन तक यह भवन अनेक ऐतिहासिक पलों का अध्याय लिखेगा।
धनकड़ ने कहा कि नई 'संसद', हमारी शाश्वत धाराओं का प्रतीक है। यह हमारी समृद्ध भारतीय वास्तुशिल्प परंपरा एवं सांस्कृतिक विरासत के साथ प्रगति के लिए आधुनिक तकनीक को सर्वोत्तम तरीके से आत्मसात करने की हमारी क्षमता को भी प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी ने भी हमारे प्रतिबद्ध श्रम शक्ति के अटल संकल्प को रोकने में विफल रहीं। यह भव्य भवन गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के राष्ट्रीय संकल्प का भी प्रतीक है।
संसद भवन लोकतांत्रिक गतिविधियों का जीवंत केंद्र
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि वर्तमान संसद भवन लोकतांत्रिक गतिविधियों का जीवंत केंद्र और प्रगति का मार्गदर्शक रहा है। आने वाले वर्षों में परिसीमन के कारण सदस्यों की संख्या में वृद्धि की संभावना एवं संसद की बढ़ती हुई जिम्मेदारियों को देखते हुए वर्तमान संसद भवन में स्थान की कमी महसूस की जा रही थी। लिहाजा दोनों सदनों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से एक नए भवन के निर्माण का आग्रह किया था।