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    बिना नेता विरोधी दल के ही शुरू होगा महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 10:00 PM (IST)

    नागपुर में महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र नेता प्रतिपक्ष के बिना शुरू हो रहा है, जो एक असाधारण स्थिति है। महाविकास आघाड़ी की कम सीटें होने से व ...और पढ़ें

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    महाराष्ट्र विधानसभा। (फाइल फोटो)

    ओमप्रकाश तिवारी, नागपुर। नागपुर में सोमवार से शुरू होने जा रहा महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में चल रहे अंतर्विरोधों के बीच शुरू हो रहा है, वहीं पहली बार कोई सत्र दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष के बिना ही शुरू होने जा रहा है।

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    आठ से 14 दिसंबर तक सिर्फ एक सप्ताह चलने वाला यह एक ऐसा सत्र है, जिसके शुरू होने के समय विधान सभा एवं विधान परिषद दोनों में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं होगा। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी की सीटें इतनी कम आईं कि यह अपना नेता विरोधी दल भी नहीं चुन सका।

    किसकी कितनी सीटें?

    विधानसभा में सर्वाधिक 20 सीटें शिवसेना (यूबीटी) की एवं इसके बाद 16 सीटें कांग्रेस के पास हैं। राकांपा (शरदचंद्र पवार) के पास सिर्फ 10 सीटें हैं। विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना (यूबीटी) ने नेता विरोधी दल के पद पर अपना दावा किया है। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया है।

    विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे शिवसेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे का कार्यकाल मानसून सत्र के बाद समाप्त हो चुका है। उच्च सदन में इस पद के लिए कांग्रेस ने दावा किया है। लेकिन अभी इस पर भी फैसला होना बाकी है।

    संख्या बल क्या कहता है?

    संख्या बल की दृष्टि से सरकार तो मजबूत है, लेकिन इन दिनों चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के कारण सरकार के घटक दलों में ही आपस में तनातनी का माहौल देखने के मिल रहा है, क्योंकि स्थानीय निकायों में सभी दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं को टिकट देकर उन्हें खुश करना चाहते हैं। इसलिए यह सत्र फडणवीस और उनके सहयोगियों शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे तथा राकांपा प्रमुख अजित पवार के बीच मतभेदों के बीच भी आयोजित हो रहा है।

    दूसरी ओर यही स्थिति विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी में भी है। कांग्रेस उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) में स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन को लेकर मतभेद साफ दिखाई दे रहे हैं।

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