SC: 'गेमिंग एप के नाम पर होती है आतंकी फंडिंग', केंद्र ने अदालत में दाखिल हलफनामे में कही ये बात
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि गैर विनियमित ऑनलाइन गेमिंगएप का आतंकी फंडिंग और मनीलांड्रिंग से संबंध है। सरकार ने इन वर्चुअल प्लेटफार्म का विनियमन करने के लिए कानून लाने को उचित ठहराया।

सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने रखा अपनापक्ष, कानून लाने को उचित ठहराया (फोटो- एएनआई)
पीटीआई,नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि गैर विनियमित ऑनलाइन गेमिंग एप का आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग से संबंध है। सरकार ने इन वर्चुअल प्लेटफार्म का विनियमन करने के लिए कानून लाने को उचित ठहराया।
जस्टिस जेबी पार्डीवाला और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह इस मामले को सुनवाई के लिए गुरुवार को लेने का प्रयास करेगी।केंद्र द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है-आनलाइन मनी गेमिंग का बेरोक-टोक विस्तार वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लांड्रिंग, कर चोरी और कुछ मामलों में आतंकी फंडिंग से जुड़ा हुआ है।
इससे राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्र की अखंडता को खतरा उत्पन्न हो रहा है। ऑनलाइन गेमिंग का अक्सर व्यापक विज्ञापन अभियानों, मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों के समर्थन के माध्यम से जोर-शोर से विपणन किया जाता है। इससे उनकी पहुंच और प्रभाव बढ़ जाता है, खासकर युवाओं और कमजोर समूहों के बीच।
सरकार ने कहा कि व्यक्तियों, परिवारों, समाज और देश पर ऑनलाइन मनी गेमिंग के हानिकारक और नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन अधिनियम, 2025 लाया गया।
सरकार की नजर में यह बात भी थी कि ऑनलाइन मनी गेमिंग अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के तहत काम करती है और यह अन्य देशों से संचालित होती है।
पूर्ण प्रतिबंध को उचित ठहराते हुए सरकार ने कहा कि ऑनलाइन मनी गेम की पेशकश करने वाली कंपनियों के कारण आम लोगों को प्रति वर्ष लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और लगभग 45 करोड़ व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम से प्रभावित हुए हैं।

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