Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Rajasthan: हॉस्टल में बच्चों का ईसाई नाम रख चल रहा था मतांतरण का खेल, पिछले 15 वर्षों से यह सिलसिला जारी था

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:55 AM (IST)

    राजस्थान के अलवर में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित एक हॉस्टल में मतांतरण का मामला सामने आया है। पुलिस की जांच में पता चला है कि यहां रहने वाले 60 अनूसूचित जाति और जनजाति सहित विभिन्न वर्गों के बच्चों के अभिभावकों को लालच देकर मतांतरण करवाया जा रहा था। बच्चों का दिखावे के लिए सरकारी स्कूलों में भर्ती करवा कर हॉस्टल में रखा जाता था।

    Hero Image
    हॉस्टल में बच्चों का ईसाई नाम रख चल रहा था मतांतरण का खेल (सांकेतिक तस्वीर)

     नरेंद्र शर्मा, जागरण, जयपुर। राजस्थान के अलवर में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित एक हॉस्टल में मतांतरण का मामला सामने आया है। पुलिस की जांच में पता चला है कि यहां रहने वाले 60 अनूसूचित जाति और जनजाति सहित विभिन्न वर्गों के बच्चों के अभिभावकों को लालच देकर मतांतरण करवाया जा रहा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सारा खर्च ईसाई मिशनरी वहन करती थी

    बच्चों का दिखावे के लिए सरकारी स्कूलों में भर्ती करवा कर हॉस्टल में रखा जाता था। उनका सारा खर्च ईसाई मिशनरी वहन करती थी लेकिन मुख्य उद्देश्य बच्चों और उनके अभिभावकों का मतांतरण करवाना था।

    मतांतरण करवा चुके अभिभावकों को हर महीने धन दिया जाता था। जांच में पता चला है कि 15 साल से छोटे बच्चों के मूल नाम के स्थान पर जोसफ, जाय, योहना, मैथ्यू, जैकब, शॉन, थॉमस, वाशिंगटन और अन्य ईसाई नाम रखे गए थे। इस हास्टल में अधिकांश बच्चों का मतांतरण करवाया जा चुका है।

    छोटे बच्चों के मतांतरण करवाया गया

    अलवर के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि छोटे बच्चों के मतांतरण करवाने के मामले में प्रशिक्षण और फंडिंग की बात सामने आई है। हॉस्टल में पिछले 15 वर्षों से यह सिलसिला जारी था। यहां चेन्नई की एक संस्था द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाता रहा है।

    ईसाई धर्म के दो प्रचारक बच्चों को बाइबल पढ़ने के लिए जोर देते थे। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपितों सोहन सिंह और अमृत सिंह को गिरफ्तार किया है।

    बता दें कि राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को मतांतरण विरोधी विधेयक पारित हुआ है। विधेयक में जबरन, लालच देकर और सामूहिक मतांतरण करवाने वाली संस्थाओं व आरोपितों के लिए उम्र कैद के साथ एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

    इंसान की तरह हुआ बंदर का अंतिम संस्कार

    राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के भदेसर क्षेत्र के धीरजी का खेड़ा गांव में बंदर की मौत ने पूरे गांव को भावुक कर दिया। ग्रामीणों ने उसे साधारण बंदर नहीं, बल्कि हनुमानजी का स्वरूप माना और इंसानों जैसी अंतिम संस्कार की परंपराएं निभाईं। गांव के 11 भक्तों ने उसकी मौत पर मुंडन भी करवाया।

    इसके बाद पगड़ी की रस्म निभाई गई। गांव में आयोजित मृत्यु भोज में लगभग 900 लोग शामिल हुए।बंदर की मौत सात सितंबर को हुई थी। ढोल-नगाड़ों के साथ उसकी अर्थी निकाली गई और सैकड़ों ग्रामीण नम आंखों से अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

    11 लोगों ने सिर मुंडवाकर उसे विदाई की

    पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि हीरालाल रायका ने इसे पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता का अद्भुत उदाहरण बताया। गांव के मुकेश, मानसिंह, भगवत सिंह, भेरूलाल सहित 11 लोगों ने सिर मुंडवाकर उसे विदाई की। ग्रामीणों ने बताया कि यह बंदर नियमित रूप से आरती में शामिल होता था। उसका व्यवहार शांत और सरल था।