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    लोन देने के नाम पर गोरखधंधा होगा बंद, सरकार ला रही है कानून

    By RAJIV KUMAREdited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 25 Jun 2025 06:56 AM (IST)

    लोन देने के नाम पर भोली-भाली जनता को फंसाकर मोटी रकम वसूलने वाले एप और एजेंसी का गोरखधंधा अब बंद होने वाला है। सरकार लोन देने के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कानून ला रही है। 

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    लोन देने के नाम पर गोरखधंधा होगा बंद, सरकार ला रही है कानून (सांकेतिक तस्वीर)

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। लोन देने के नाम पर भोली-भाली जनता को फंसाकर मोटी रकम वसूलने वाले एप और एजेंसी का गोरखधंधा अब बंद होने वाला है। सरकार लोन देने के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कानून ला रही है। इस प्रस्तावित कानून का नाम बैकिंग ऑफ अनरेगुलेटेड लेंडिंग एक्टिविटिज (बुला) है, जिसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है।

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    इस कानून के अमल में आने के बाद चाहे कोई व्यक्तिगत रूप से या फिर डिजिटल माध्यम से कमर्शियल उधार देने का कारोबार करता है तो उसे आरबीआइ से या स्टेट बैंक आफ इंडिया कानून 1955 या फिर किसी राज्य के मनी लेंडिंग कानून के तहत मंजूरी लेना अनिवार्य होगा।

    कड़ी होगी कार्रवाई

    मंजूरी नहीं लेने वालों को भारी जुर्माने के साथ जेल तक जाना पड़ सकता है। दो से सात साल तक की जेल और दो लाख से एक करोड़ तक का जुर्माना प्रस्तावित है। किसी रिश्तेदार से लिए जाने वाले कर्ज को इस प्रस्तावित कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।

    प्रस्तावित कानून की खास बात यह होगी कि सरकारी एजेंसी से मंजूरी प्राप्त कर्ज देने वाली एजेंसी या एप का एक डाटाबेस होगा जिस पर जाकर यह देखा जा सकेगा कि जिससे आप लोन ले रहे हैं, वह लोन देने का कारोबार करने के लिए अधिकृत है या नहीं।

    पिछले साल वित्त मंत्रालय ने प्रस्तावित कानून का जारी किया था मसौदा

    मुख्य रूप से चीन व अन्य देशों से संचालित डिजिटल लेंडिंग एप पर रोक लगाने के लिए सरकार यह कानून ला रही है। चीन से संचालित होने वाले एप लोगों को कर्ज देकर उन्हें ब्लैकमेल करने लगे थे, जिन वजहों से कई लोगों ने आत्महत्या भी कर ली थी।

    वित्त मंत्रालय की तरफ से मसौदा जारी किया गया था

    आरबीआइ व वित्त मंत्रालय की सिफारिश पर इस प्रकार के कई एप पर प्रतिबंध तो लगाया गया, लेकिन इसका स्थायी इलाज नहीं हो सका। इसे ध्यान में रखते हुए ही पिछले साल इस प्रस्तावित कानून को लेकर वित्त मंत्रालय की तरफ से मसौदा जारी किया गया था, जिस पर हितधारकों से राय मांगी गई थी। अब प्रस्तावित कानून की तैयारी अंतिम चरण में है।

    इस प्रकार के मामलों के लिए बनाई जा सकती है विशेष अदालत

    प्रस्तावित कानून के मुताबिक बिना नियामक की इजाजत के लोन देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अलग से टीम नियुक्त होगी, जिसे इस प्रकार के मामले की जांच करने का अधिकार होगा। जरूरत पड़ने पर इस प्रकार के मामलों के लिए विशेष अदालत भी बनाई जा सकती है। प्रस्तावित कानून में उधार देने के नाम पर भ्रामक प्रचार करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्राविधान किया गया है।

    विज्ञापन पर भी प्रतिबंध लगेगा

    कम ब्याज पर लोन लेने के लिए संपर्क करें या पांच मिनट में कर्ज लें जैसे प्रचार अक्सर देखने में आते हैं। इस प्रकार के विज्ञापन पर भी प्रतिबंध लगेगा। छह साल पहले सरकार अनरेगुलेटेड डिपाजिट का कारोबार जिसे पोंजी स्कीम के नाम से जाना जाता है, पर लगाम के लिए कानून लाई थी। अब अनरेगुलेटेड लोन पर रोक लगाई जाएगी।

    कानून में क्या होगा

     

    • मंजूरी नहीं लेने वालों को भारी जुर्माने के साथ जाना पड़ सकता है जेल
    • किसी रिश्तेदार से लिए जाने वाले कर्ज को इस प्रस्तावित कानून के दायरे से बाहर रखा गया है
    • कर्ज देने वाली एजेंसी या एप का बनेगा डाटाबेस