Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Parliament Monsoon Session: सुधर रही है राज्यों की वित्तीय स्थिति, इन छह प्रदेशों में कर्ज का बोझ ज्यादा

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Tue, 01 Aug 2023 11:18 PM (IST)

    वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जानकारी दी कि कोरोना काल में केंद्र के साथ ही राज्यों पर कर्ज का जो बोझ बढ़ा था उसमें कमी आने लगी है। अधिकांश राज्यों पर कर्ज का बोझ उनकी सकल घरेलू उत्पादन (SGDP) के मुकाबले अब कम होने लगा है। हालांकि अभी भी छह राज्य ऐसे हैं जिन पर बाहरी दायित्व और एसजीडीपी का अनुपात 40 फीसद से ज्यादा बना हुआ है।

    Hero Image
    राज्यों पर कर्ज का जो बोझ बढ़ा था उसमें कमी आने लगी है: केंद्र सरकार

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बताया है कि उसके पास कर्ज में डूबे राज्यों को उबारने संबंधी कोई प्रस्ताव न तो आरबीआइ से और न ही संबंधित राज्यों से आया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्य सभा में एक लिखित सवाल के जवाब में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल में केंद्र के साथ ही राज्यों पर कर्ज का जो बोझ बढ़ा था उसमें कमी आने लगी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन छह राज्यों पर एसजीडीपी का अनुपात 40 फीसदी से ज्यादा 

    अधिकांश राज्यों पर कर्ज का बोझ उनकी सकल घरेलू उत्पादन (SGDP) के मुकाबले अब कम होने लगा है। हालांकि, अभी भी छह राज्य ऐसे हैं जिन पर बाहरी दायित्व और एसजीडीपी का अनुपात 40 फीसद से ज्यादा बना हुआ है।

    वित्त राज्य मंत्री ने बताया है कि बिहार के एसजीडीपी के मुकाबले कुल देनदारियों का अनुपात वर्ष 2021 में 38.7 फीसद था जो वर्ष 2023 में घट कर 38.6 फीसद, उत्तर प्रदेश के यह अनुपात इस अवधि में 36.4 फीसद से घट कर 32.6 फीसद, पंजाब के लिए 48.7 फीसद से घट कर 47.6 फीसद, हिमाचल प्रदेश के लिए 44 फीसद से घट कर 41.9 फीसद, झारखंड के लिए 36.3 फीसद से घट कर 34.1 फीसद , उत्तराखंड के लिए 32.1 फीसद से घट कर 32 फीसद, मध्य प्रदेश के लिए 29.8 फीसद से घट कर 28.9 फीसद रह गया है।

    साल 2023 में देश पर 155.6 लाख करोड़ का था कर्ज: वित्त राज्य मंत्री

    अगर पूरे देश पर बात करें तो वित्त राज्य मंत्री के मुताबिक 31 मार्च, 2023 को देश पर कुल 155.6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। यह देश की कुल जीडीपी के मुकाबले 57.1 फीसद है। जबकि 31 मार्च, 2021 को यह अनुपात 61.5 फीसद था। वित्त राज्य मंत्री ने यह कहा है कि उनके मंत्रालय को आरबीआइ की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं प्राप्त हुआ है, जिसमें हरियाणा समेत सबसे ज्यादा कर्ज में डूबे पांच राज्यों की स्थिति सुधारने की बात हो।

    राज्य सरकारी निगमों के जरिए इधार ले रहे कुछ राज्य: केंद्र सरकार

    साथ ही हरियाणा सरकार की तरफ से भी कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं भेजा गया है, जिसमें उन पर बढ़े कर्ज की स्थिति से बाहर निकलने के लिए मदद मांगी गई हो। यह सूचना केंद्र को मिली है कि कुछ राज्यों ने अपनी राज्य सरकारी निगमों व विशेष तौर पर गठित कंपनियों के जरिए उधारी ले रही हैं और इन पर ब्याज दायित्व का प्रबंधन राज्य के बजट में किया जा रहा है। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में राज्यों को आगाह कर दिया है कि इस तरह की उधारी या देय ब्याज की गणना उनकी उधारी में ही की जाएगी।

    comedy show banner
    comedy show banner