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कोरोना से मौत पर हर पीड़ित परिवार को मिलेगा 50 हजार का मुआवजा, केंद्र की बात पर SC ने लगाई मुहर

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केंद्र सरकार की योजना पर मुहर। कोरोना से मौत होने पर हर पीड़ित परिवार को मिलेगा 50 हजार का मुआवजा। केंद्र सरकार ने हर मौत के लिए 50 हज़ार रुपए मुआवजा तय करने की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी थी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 09:16 AM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 12:54 PM (IST)
कोरोना से मौत पर हर पीड़ित परिवार को मिलेगा 50 हजार का मुआवजा, केंद्र की बात पर SC ने लगाई मुहर
कोरोना से मौत होने पर पीड़ित परिवार को मिलेगा 50 हजार मुआवजा ।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, एजेंसियां। कोरोना वायरस से मौत होने पर पीड़ित परिजनों को 50 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार की इस योजना पर मुहर लगा दी है। देश की शीर्ष अदालत ने आज इसको लेकर एक विस्तृत गाइडलाइन भी जारी की है। 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मुआवजा राज्यों की अनुग्रह राशि देने की अन्य योजना से अलग होगा। ये मुआवजा भविष्य में होने वाली मौतों पर भी लागू होगा। इसका भुगतान राज्य आपदा राहत कोष से होगा। कोर्ट ने कहा कि लाभार्थी का पूरा विवरण प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किया जाए। अदालत ने आदेश में कहा कि मृतक के परिजनों को 50,000 रुपये की राशि का भुगतान हर हाल में किया जाएगा और यह विभिन्न परोपकारी योजनाओं के तहत केंद्र और राज्य द्वारा भुगतान की गई राशि से अलग होगा।

कैसे मिलेगी मुआवजा राशि?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संबंधित परिवार मृत्यु प्रमाण पत्र सहित दस्तावेजों के साथ राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी एक फॉर्म के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत करेंगे। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से दस्तावेज देने के 30 दिनों के भीतर सभी दावों का निपटारा किया जाएगा। प्रमाणीकरण समिति दावों को खारिज करने का कारण स्पष्ट करेगी। भविष्य में भी महामारी की लहरों में होने वाली मौतों के लिए अनुग्रह राहत जारी रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मुआवजा आवेदन जमा करने और मृत्यु के कारण को COVID19 के रूप में प्रमाणित होने के 30 दिनों के भीतर दिया जाए। कोई भी राज्य इस आधार पर 50,000 रुपये के लाभ से इनकार नहीं करेगा कि मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कारण COVID19 नहीं है। जिला अधिकारियों को मौत के कारणों को ठीक करने के लिए उपचारात्मक कदम उठाने होंगे। जिला स्तरीय समिति का विवरण प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित किया जाएगा। कोविड होने के बाद 30 दिनों के भीतर खुदकुशी करने वालों को भी मुआवजा मिलेगा।

'कोई भी राज्य मुआवजा देने से मना नहीं कर सकता'

कोर्ट ने यह भी कहा है कि देश का कोई भी राज्य किसी मौत का मुआवजा देने से यह कह कर मना नहीं कर सकते कि डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह कोरोना नहीं लिखी। राज्य जल्द से जल्द हर जिले में कमेटी के गठन की अधिसूचना जारी करें जहां लोग मुआवजे की मांग रख सकें। साथ ही डेथ सर्टिफिकेट में सुधार के लिए भी आवेदन दे सकें। साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोरोना के चलते जिनकी मृत्यु घर पर हुई है उनका परिवार भी मुआवजे का हकदार होगा।

केंद्र सरकार ने दायर किया था हलफनामा

SC में हुई पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने पीड़ित परिवारों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने पर सहमति जताई थी। कोरोना से हुई मौत पर परिजनों को केंद्र सरकार 50 हजार रुपये का मुआवजा देगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत हलफनामा दाखिल कर इसकी जानकारी दी थी।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को अनुग्रह राशि राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF) से दी जाएगी। केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय में यह भी कहा कि ये अनुग्रह राशि कोविड महामारी के भविष्य के चरणों में भी या अगली अधिसूचना तक जारी रहेगी। इसके साथ-साथ यह भी कहा गया कि यह राशि उन मृतकों के परिवारों को भी दी जाएगी, जो कोविड राहत कार्यों में शामिल थे।

कोरोना से हुई मौत के लिए मुआवजे की घोषणा पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की सराहना की है। कोर्ट ने कहा है कि विपरीत परिस्थितियों में भारत जो कर पाया, वैसा और कोई देश नहीं कर सका। केंद्र ने हर मौत के लिए 50 हज़ार रुपए मुआवजा तय करने की जानकारी कोर्ट को दी है। कोर्ट ने कहा कि यह खुशी की बात है कि जिन लोगों ने पीड़ा झेली, उनके आंसू पोंछने के लिए कुछ किया जा रहा है।


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