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आनलाइन गेम खेलने के चक्कर में बच्चे ने मां के बैंक खाते से गंवा दिए तीन लाख रूपये

पखांजूर के थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि शिक्षिका शुभ्रा पाल ने खाते से तीन लाख 22 हजार रुपये आहरण की शिकायत की थी। जांच में पता चला कि उनका 10 साल का पुत्र है जो मोबाइल में आनलाइन फ्री फायर गेम खेलता था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 10:08 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 11:01 PM (IST)
आनलाइन गेम खेलने के चक्कर में बच्चे ने मां के बैंक खाते से गंवा दिए तीन लाख रूपये
जांच में पता चला कि वर्चुअल हथियार की खरीदारी में खाते से 278 बार हुआ ट्रांजेक्शन

कांकेर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले के पखांजूर थाना क्षेत्र में आनलाइन मोबाइल गेम खेलने के चक्कर में बैंक खाते से बड़ी रकम कट गई। शिक्षिका ने इसकी पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की मदद से जांच की तो आनलाइन फ्री फायर गेम खेलने के दौरान वर्चुअल हथियार खरीदने में खाते से 3.22 लाख रुपये कट जाने की बात सामने आई।

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शिक्षिका शुभ्रा पाल ने पखांजूर पुलिस थाने में आवेदन दिया था कि उसके बैंक खाते से 278 बार ट्रांजेक्शन कर तीन लाख 22 हजार रुपये आनलाइन ट्रांसफर हुए हैं। उक्त ट्रांजेक्शन का न तो उसके मोबाइल में कोई ओटीपी आया था और न ही कोई फोन काल। बैंक की शाखा से एटीएम कार्ड के एक्टिव होने बाद उनके द्वारा पहली बार में नौ हजार और दूसरी बार में छह हजार रुपये की राशि मशीन से आहरित की गई है। इसके बाद उन्होंने एटीएम कार्ड का उपयोग नहीं किया है। 10 जून को जब एटीएम से पैसे निकालने को पहुंची तो उनके खाते में मात्र नौ हजार रुपये शेष थे। 11 जून को बैंक जाकर पासबुक एंट्री कराई तो खाते से आठ मार्च से 10 जून- 2021 तक 278 बार में छोटी-छोटी रकम का आहरण हुआ था। इस दौरान तीन लाख 22 हजार रुपये खाते से ट्रांसफर हो गए थे। आवेदन मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट का भी सहारा लिया। जांच के बाद पर्दाफाश हुआ कि शिक्षिका के 10 वर्षीय बच्चे ने फ्री फायर आनलाइन गेम खेलने के दौरान वर्चुअल रूप से हथियार खरीदने में उक्त राशि को खर्च किया है।

पखांजूर के थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि शिक्षिका शुभ्रा पाल ने खाते से तीन लाख 22 हजार रुपये आहरण की शिकायत की थी। जांच में पता चला कि उनका 10 साल का पुत्र है, जो मोबाइल में आनलाइन फ्री फायर गेम खेलता था। उक्त मोबाइल में लगा सिम कार्ड शिक्षिका के बैंक खाते से लिंक था, जिससे गेम खेलने के दौरान जब भी खेल से संबंधित खरीदारी करता, पैसा सीधे उनके बैंक खाते से कट जाता था। प्रकरण में किसी प्रकार का अपराध नहीं बनता है।

चैनल से लिंक होने के बाद नहीं आता ओटीपी

साइबर एक्सपर्ट विराज मंडल ने बताया कि गेमिंग पेमेंट का एक चैनल होता है। इस गेमिंग पेमेंट चैलन को जब किसी यूपीआइ आइडी से लिंक किया जाता है, तब गेम में पेमेंट होता है। एक बार लिंक किए जाने के बाद गेम में लेबल आगे बढ़ाने, गेम से संबंधित हथियार या अन्य चीजों की खरीदारी करने पर यह चैनल आटोमेटिक बिना किसी ओटीपी या संदेश दिए ही बैंक खाते से पैसा काट लेता है। बैंक उपभोक्ताओं को सावधानी रखनी चाहिए और अपने बैंक खाते से लिंक नंबर का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए। छोटे बच्चों को बैंक से लिंक मोबाइल भी देने से बचना चाहिए।


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