'केंद्र सरकार बंगाल के हालात नहीं बदलना चाहती', जस्टिस गंगोपाध्याय ने हिंदी पट्टी के नेताओं को लेकर कही ये बात
पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है।एक बांग्ला चैनल के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बंगाल के हालात नहीं बदलना चाहती। दावा किया कि राजनीति में आने और भाजपा के साथ जुड़ने का उनका एकमात्र इरादा ममता बनर्जी को सत्ता से हटाना था। वह उस लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच पाए। इसकी जिम्मेदारी केंद्र की है।

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ जाहिर किया अपना गुस्सा (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के तमलुक से भाजपा सांसद और कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है।
एक बांग्ला चैनल के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बंगाल के हालात नहीं बदलना चाहती। दावा किया कि राजनीति में आने और भाजपा के साथ जुड़ने का उनका एकमात्र इरादा ममता बनर्जी को सत्ता से हटाना था। वह उस लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच पाए। इसकी जिम्मेदारी केंद्र की है।
उन्होंने कहा कि बंगाल जैसे राज्य में, जहां शासन और प्रशासन नहीं है, केंद्र द्वारा कम से कम अनुच्छेद 355 क्यों नहीं लगाया जा रहा है? अगर राज्य में बदलाव लाना है तो पुलिस को केंद्र सरकार के नियंत्रण में लाया जाना चाहिए और मतदान कराया जाना चाहिए। भाजपा सांसद ने बंगाल में गैर-बंगाली भाजपा नेताओं के प्रभुत्व पर भी नाखुशी जताई।
आगे कहा कि बंगाल के लोगों की सोच उत्तर भारत के लोगों से मेल नहीं खाती। इसलिए आप हिंदी पट्टी से नेताओं को यहां लाकर भाजपा को जीत नहीं दिला सकते। पूर्व न्यायाधीश ने राज्य में केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआइ व ईडी की भूमिका पर भी रोष व्यक्त किया।
कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ दल के बड़े नेताओं के खिलाफ आरोपों का पुलिंदा है, लेकिन उस तरह से जांच या हिरासत में पूछताछ नहीं की जा रही है। उनका यह भी मानना है कि सीबीआइ और ईडी के कई बड़े और मध्यम दर्जे के अधिकारियों को भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है।
इधर, उनकी टिप्पणी के संदर्भ में भाजपा विधायक व विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा कि अगर वह उचित स्थान पर अपने विचार व्यक्त करते हैं, तो इस पर चर्चा की जाएगी।

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