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    केंद्र सरकार ने 30 साल पहले बनाए गए 'राष्ट्रीय महिला कोष' को बंद किया, इस वजह से उठाया गया कदम

    Updated: Fri, 15 Mar 2024 08:12 PM (IST)

    सरकार ने 30 वर्ष पूर्व बनाए गए आरएमके को बंद कर दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए वैकल्पिक ऋण सुविधाएं उपलब्ध होने तथा आएमके की प्रासंगिकता खत्म होने की सिफारिश के बाद सरकार ने यह कदम उठाया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गत 12 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा कि प्रधान आर्थिक सलाहकार ने अपनी रिपोर्ट में आरएमके को बंद करने की सिफारिश की है।

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    केंद्र सरकार ने 30 वर्ष पूर्व बनाए गए राष्ट्रीय महिला कोष (आरएमके) को बंद कर दिया है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने 30 वर्ष पूर्व बनाए गए राष्ट्रीय महिला कोष (आरएमके) को बंद कर दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए वैकल्पिक ऋण सुविधाएं उपलब्ध होने तथा आएमके की प्रासंगिकता खत्म होने की सिफारिश के बाद सरकार ने यह कदम उठाया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गत 12 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा कि प्रधान आर्थिक सलाहकार ने अपनी रिपोर्ट में आरएमके को बंद करने की सिफारिश की है।

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    उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं के विस्तार और विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत बैंकों से मिलने वाले रियायती ऋण के कारण यह अपनी प्रासंगिकता खो चुका है। दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और पीएम मुद्रा योजना जैसी सरकारी योजनाओं ने लाखों स्वयंसहायता समूहों की मदद की है और आसान व रियायती ऋण उपलब्ध कराया है। वर्तमान परिदृश्य के मद्देनजर आरएमके की सभी गतिविधियां और ऑपरेशन 31 दिसंबर 2023 से बंद हैं।

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    मंत्रालय ने कहा कि आएमके के कर्मचारियों को विशेष स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई और आरएमके के शेष फंड को भारत के समेकित कोष (सीएफआई) को लौटा दिया गया। वहीं, आरएमके की बकाया सूची भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) को स्थानांतरित कर दी गई है।

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