मध्य प्रदेश में पत्थरबाजों के मकान जमींदोज कर प्रशासन ने दिया सख्त संदेश, माहौल बिगाड़ने की हुई थी कोशिश
इंदौर और उज्जैन के प्रशासन ने त्वरित और साहसपूर्ण कार्रवाई कर पत्थरबाजों के मकान जमींदोज कर कड़ा संदेश दिया है। नियमानुसार कार्रवाई के साथ प्रशासन ने सुशासन का यह संदेश भी दे दिया कि वैमनस्य फैलाने की किसी भी घटना पर बेहद कठोर कार्रवाई होगी।
इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के उज्जैन और इंदौर में अवैध निर्माण कर बनाए गए घरों से ना केवल श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए शांतिपूर्ण तरीके से धनसंग्रह करने को निकले रामभक्तों पर अकारण पथराव किया गया बल्कि माहौल खराब कर प्रशासन को भी चुनौती दी गई। इंदौर और उज्जैन के प्रशासन ने त्वरित और साहसपूर्ण कार्रवाई कर पत्थरबाजों के मकान जमींदोज कर कड़ा संदेश दिया है। नियमानुसार कार्रवाई के साथ प्रशासन ने सुशासन का यह संदेश भी दे दिया कि वैमनस्य फैलाने की किसी भी घटना पर बेहद कठोर कार्रवाई होगी।
रासुका के तहत कार्रवाई
इस दौरान प्रशासन ने उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई भी की। पहली घटना उज्जैन के बेगमबाग क्षेत्र में 25 दिसंबर को हुई। धनसंग्रह के लिए निकले हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं पर जमकर पथराव किया गया। इसमें नौ लोग घायल हो गए। इस घटना से पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया। इसके तत्काल बाद प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन मकानों को चिह्नित किया, जहां से पथराव किया गया था।
उज्जैन में प्रशासन को रोकने की कोशिश
इसके बाद उनका रिकॉर्ड खंगाला गया और मुख्य मार्ग स्थित तीन लोगों के मकान चिह्नित किए गए। इनका अवैध तरीके से निर्माण कराया गया था। प्रशासन इनको नोटिस भी जारी कर चुका था। ऐसे में अधिकारियों ने एक मकान को जल्द से जल्द खाली करने के लिए कहा। अगले दिन 26 दिसंबर को प्रशासन का अमला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गया। प्रशासन को रोकने की गरज से चार घंटे से भी ज्यादा समय तक लोगों ने हंगामा किया।
धमकियों की नहीं की परवाह
शहरकाजी खलीकुर्रेहमान ने तो धमकी भरे अंदाज में ये तक कह दिया कि यदि शहर की फिजा बिगड़ी तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे लेकिन अधिकारी पीछे नहीं हटे। कलेक्टर ने प्रदर्शनकारियों को समझाया और फिर भीड़ को हटाकर मकान गिरा दिया गया। चौबीस घंटे से भी कम समय में हुई इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने आसपास के अन्य मकानों का रिकार्ड भी खंगालना शुरू कर दिया था।
यहां भी 24 घंटे में कार्रवाई
दूसरी घटना 29 दिसंबर को इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के चांदनखेडी गांव में हुई। यहां भी मंदिर निर्माण के लिए निकाली जा रही जनजागरण रैली पर गांव में पथराव किया गया। इसमें दो पहिया वाहनों से गुजर रहे बीस से ज्यादा कार्यकर्ता घायल हो गए। उपद्रवियों ने धारदार हथियारों से हमला करने के साथ ही गोलियां भी चलाईं। इसके बाद कुछ ही देर में आसपास के गांवो से हजारों कार्यकर्ता मौके पर जमा हो गए।
इंदौर में 25 उपद्रवी गिरफ्तार
भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे अधिकारियों ने पथराव करने वालों की पहचान के लिए तलाशी शुरू की। शाम तक सलीम, सद्दाम, फईम, इमराम, शाहरख, रफीक, रमजान आदि के खिलाफ केस दर्ज कर करीब 25 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया। यहां भी चौबीस घंटे से भी कम समय में प्रशासन और पुलिस का अमला मौके पर पहुंचा और स्वीकृत नक्शे का उल्लंघन कर बनाए गए मकानों के अतिरिक्त हिस्सों को तोड़ दिया। 30 दिसंबर को चांदनखेड़ी मुख्य मार्ग के कई मकानों के अवैध हिस्से भी गिरा दिए गए।
कानून और व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता
इंदौर के कलेक्टर मनीषसिंह ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए चांदनखेड़ी के मामले में पुलिस और प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई की। यहां मुख्य मार्ग की सड़क बहुत संकरी थी, जिस कारण निकलने वालों के साथ विवाद होते रहते थे। अतिक्रमण हटाने और सड़क चौड़ी करने से अब विवाद भी खत्म हो जाएंगे।
उज्जैन के कलेक्टर ने कही यह बात
उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि बेगमबाग क्षेत्र में जिस मकान से पथराव हुआ था, वह अवैध था। 24 दिसंबर को नोटिस दिया गया था। उस पर कार्रवाई होनी थी। घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। पथराव करने वाले पांच लोगों पर रासुका लगाई गई है, जबकि 18 अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है।